नई दिल्ली। देश का विदेशी मुद्रा भंडार बीते 30 अप्रैल को समाप्त सप्ताह में 3.913 अरब डॉलर बढ़कर 588.02 अरब डॉलर पर पहुंच गया। रिजर्व बैंक के शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार इससे पिछले सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 1.701 अरब डालर बढ़कर 584.107 अरब पर पहुंच गया था। विदेशी मुद्रा भंडार इससे पहले 29 जनवरी 2021 को 590.185 अरब डालर की सर्वकालिक ऊंचाई पर था।
आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार 30 अप्रैल 2021 को समाप्त सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार में होने वाली वृद्धि मुख्य तौर पर विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां बढ़ने से हुई। विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां सप्ताह के दौरान 1.413 अरब डालर बढ़कर 546.059 अरब डालर पर पहुंच गईं। विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां डॉलर में व्यक्त की जाती हैं। इसमें डॉलर के अलावा यूरो, पाउंड और येन में होने वाली घटबढ़ भी शामिल है। विदेशी मुद्रा परिसम्पत्ति सकल विदेशी मुद्रा भंडार का बड़ा हिस्सा है। इस दौरान सोने का आरक्षित भंडार 50.5 करोड़ डॉलर घटकर 35.464 अरब डॉलर रह गया। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में विशेष निकासी अधिकार (एसडीआर) 30 लाख डॉलर बढ़कर 1.508 अरब डॉलर पर पहुंच गया। वहीं, आईएमएफ के पास देश के आरक्षित भंडार की स्थिति 20 लाख डॉलर बढ़कर 4.99 अरब डॉलर रही।
किसी भी अर्थव्यवस्था के लिए विदेशी मुद्रा भंडार काफी अहम होता है। फिलहाल रिकॉर्ड स्तरों के करीब बना हुआ भारत का विदेशी मुद्रा भंडार डेढ़ साल से ज्यादा वक्त के आयात के लिए पर्याप्त है। साल 2004 में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार ने 100 अरब डॉलर की सीमा पार की थी, वहीं जून 2020 के पहले हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार 500 अरब डॉलर के स्तर को पार कर गया। जून के बाद से विदेशी मुद्रा भंडार लगातार 500 अरब डॉलर के स्तर से ऊपर ही बना हुआ है।
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