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मई में FDI बढ़कर हुआ 12.1 अरब डॉलर, अगले पांच साल में 20 लाख लोगों को मिलेगा रोजगार जानिए कैसे

देश में 54,000 स्टार्टअप वर्तमान में 5.5 लाख रोजगार उपलब्ध करा रहे हैं वहीं अगले पांच साल के दौरान 50,000 नए स्टार्टअप 20 लाख नए रोजगार पैदा करेंगे।

Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: August 24, 2021 12:02 IST
Foreign direct investments rise to 12.1 billion dollar in May- India TV Paisa
Photo:ICOM

Foreign direct investments rise to 12.1 billion dollar in May

नई दिल्‍ली। देश में विदेशी प्रत्‍यक्ष निवेश (FDI) लगातार बढ़ रहा है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को कहा कि इस साल मई में एफडीआई बढ़कर 12.1 अरब डॉलर पर पहुंच गया। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार 2021-22 में 400 अरब डॉलर के निर्यात लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक मिशन मोड में काम कर रही है। गोयल ने निर्यात को बढ़ावा देने को लेकर अलग-अलग उद्योग संगठनों की एक बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि भारत ने 2020-21 में अब तक का सबसे अधिक एफडीआई प्रवाह प्राप्त किया है। यह 10 प्रतिशत बढ़कर 81.72 अरब डॉलर हो गया और मई 2021 में एफडीआई 12.1 अरब डॉलर रहा, जो मई 2020 की तुलना में 203 प्रतिशत अधिक है।

उन्होंने कहा कि निर्यात में अच्छी वृद्धि दर्ज की जा रही है और इस महीने 1-14 अगस्त के दौरान निर्यात 2020-21 की इसी अवधि के मुकाबले 71 प्रतिशत और 2019-20 के मुकाबले 23 प्रतिशत ऊंचा है। मंत्री के अनुसार, भारत का आयात पर औसत रूप से लागू आयात शुल्क (ड्यूटी) 2020 में गिरकर 15 प्रतिशत रह गया है जो कि 2019 में 17.6 प्रतिशत पर था। ऐसे में अब देश में लागू शुल्क 50.8 प्रतिशत (विश्व व्यापार संगठन के तहत स्वीकृत दर) की तुलना में काफी नीचे हैं। रोजगार के बारे में गोयल ने कहा देश में 54,000 स्टार्टअप वर्तमान में 5.5 लाख रोजगार उपलब्ध करा रहे हैं वहीं अगले पांच साल के दौरान 50,000 नए स्टार्टअप 20 लाख नए रोजगार पैदा करेंगे।

उन्‍होंने कहा कि अब समय आ गया है कि हमारे उद्योग मजबूत वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को विकसित करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता, क्षमता और दक्षता को बढ़ाएं। उन्‍होंने कहा कि भारतीय उद्योग रिसर्च, निर्यातकों/विनिर्माताओं के सहयोग और राज्‍य एवं मिशन के साथ मिलकर काम करेंगे।   

बैठक के दौरान उद्योग जगत के प्रति‍निधियों ने निर्यात प्रतिस्‍पर्धा बढ़ाने, लॉजिस्टिक समस्‍याओं, निर्यातकों के लिए क्षमता निर्माण में राज्‍यों की सक्रिय भूमिका और भारतीय उत्‍पादों के लिए अंतरराष्‍ट्रीय बाजारों के विकास जैसे मुद्दों को सुलझाने का सुझाव दिया। उन्‍होंने रेमिशन ऑफ ड्यूटीज एंड टैक्‍सेस ऑन एक्‍सपोर्टेड प्रोडक्‍ट्स (आरओडीटीईपी) योजना में फार्मा और केमिकल्‍स को भी शामिल करने का सुझाव दिया।  

औद्योगिक संगठन पीएचडीसीसीआई के अध्‍यक्ष संजय अग्रवाल ने कहा कि 400 अरब डॉलर के निर्यात लक्ष्‍य को हासिल करने के लिए ये क्षेत्र बहुत महत्‍वपूर्ण हैं। इसलिए इन सेक्‍टर्स को आरओडीटीईपी स्‍कीम में शामिल करने पर विचार किया जाना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि इस योजना के लिए सरकार ने 17,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। यह सरकार के शुरुआती अनुमान 50,000 करोड़ रुपये प्रति वर्ष से काफी कम है। आरओडीटीईपी स्‍कीम के लिए बजट को बढ़ाने की आवश्‍यकता है।

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