नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी भले ही भारत में सबसे ज्यादा कारों की बिक्री करती हो, लेकिन एक्सपोर्ट के मामले में यह अन्य कंपनियों से काफी पीछे है। वित्त वर्ष 2015-16 में सबसे ज्यादा एक्सपोर्ट होने वाली कार फोर्ड ईकोस्पोर्ट बनी है। इसने निसान की माइक्रा से यह स्थान छीना है। वित्त वर्ष 2014-15 में देश से सबसे ज्यादा एक्सपोर्ट होने वाली कार निसान माइक्रा थी।
कॉम्पैक्ट एसयूवी फोर्ड ईकोस्पोर्ट 2013 में लॉन्च हुई थी। उस समय इसने बाजार में धूम मचा दी थी। अमेरिकन ऑटो कंपनी फोर्ड को इसके लिए कई टेक्नोलॉजी और सेफ्टी अवॉर्ड मिले थे। फोर्ड की यह बेस्ट सेलर्स कार है। अब यह कंपनी एक्सपोर्ट के लिए अपना उत्पादन केंद्र बदलकर रोमानिया ले जाना चाहती है।
फोर्ड इंडिया ने वित्त वर्ष 2015-16 में ईकोस्पोर्ट की 83,325 यूनिट का एक्सपोर्ट किया है। इस दौरान उसके एक्सपोर्ट में 51 फीसदी की ग्रोथ आई है। इस एसयूवी का वर्तमान में फोर्ड के चेन्नई प्लांट में निर्माण किया जा रहा है। फोर्ड ईकोस्पोर्ट का ऑस्ट्रेलिया, ताइवान, मेक्सिको और यूरोपीय देशों में, एशिया तथा साउथ अमेरिका में एक्सपोर्ट करती है। इस दौरान निसान माइक्रा की कुल 75,456 यूनिट एक्सपोर्ट हुईं, यह इस लिस्ट में दूसरे स्थान पर है। फोक्सवैगन की मिड-साइज सेडान वेंटो 63,157 यूनिट के साथ तीसरे स्थान पर है। मारुति सुजुकी अल्टो ने 54,656 यूनिट के साथ इस लिस्ट में चौथा स्थान हासिल किया है। हुंडई के बेस्ट सेलर कार ग्रांड आई10 ने 44,672 यूनिट के साथ पांचवा, वहीं शेवरले की बीट ने 37,082 यूनिट के साथ छठवां स्थान हासिल किया है। निसान सनी 31,027 यूनिट के साथ सातवां स्थान हासिल किया है। अंतिम तीन स्थान पर हुंडई की गाडि़यां हैं।
वहीं दूसरे ओर कोरियन ऑटो कंपनी हुंडई भारत की सबसे बड़ी कार एक्सपोर्टर बनी हुई है, इसके ग्रांड आई10 और इलाइट आई20 मॉडल दुनिया के तमाम देशों में एक्सपोर्ट किए जा रहे हैं। 2015-16 में हुंडई के एक्सपोर्ट में गिरावट आई है, इसका कारण कंपनी द्वारा अपनी प्रोडक्शन इकाई को शिफ्ट कर टर्की ले जाना है। इस साल हुंडई का एक्सपोर्ट घटकर 1,35,405 यूनिट रहा, इसके पीछे वजह घरेलू बाजार पर ज्यादा फोकस करना है।