नई दिल्ली। सस्ती एयरलाइन कंपनी एयर एशिया को बड़ा झटका लग सकता है। भारतीय जनता पार्टी के सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर कर एयर एशिया का लाइसेंस रद्द करने की मांग की है। स्वामी का कहना है कि कंपनी ने यह लाइसेंस फर्जी दस्तावेजों की मदद से लिए हैं। मलेशियन एयरलाइन कंपनी भारत में टाटा के साथ मिलकर सर्विस दे रही है।
लाइसेंस सस्पेंड करने के साथ अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि लाइसेंस सस्पेंड करने के साथ एयर एशिया के तीन अफसरों के खिलाफ उनकी याचिका के संदर्भ में दिए गए अपने हलफनामे में झूठी जानकारी देने को लेकर अवमानना की कार्रवाई भी होनी चाहिए। याचिका में डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) द्वारा एयरलाइंस को दिए गए लाइसेंस को चुनौती दी गई है। कहा गया कि कंपनी के अधिकारी 17 अप्रैल को हुए व्यवसायिक समझौते ‘ब्रांड लाइसेंस एग्रीमेंट’ की जानकारी नहीं दे रहे हैं। यह स्पष्ट है कि एयर एशिया का ऑपरेशन, मैनेजमेंट व पॉलिसी बनाना आदि भारतीय नागरिक के स्थान पर पूरी तरह से विदेशी एयरलाइंस द्वारा चलाया जा रहा है।
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डीजीसीए पर भी उठाए सवाल
मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी और न्यायमूर्ति जयंत नाथ की खंडपीठ के सामने लगाई गई याचिका में कंपनी का लाइसेंस रद करने के साथ-साथ मांग की गई है कि डीजीसीए को समझौते के संबंध में कागजात पेश करने के आदेश दिए जाएं। साथ ही इस बात की जांच भी की जानी चाहिए कि यह समझौता एयर एशिया इंडिया के साथ किया गया था या नहीं। एयर एशिया में मुख्य रूप से टाटा और अमित भाटिया की हिस्सेदारी है।