नई दिल्ली। ऑनलाइन फूड ऑर्डर व आपूर्ति फर्म फूडपांडा इंडिया ने अपने लगभग 15 फीसदी कर्मचारियों को नौकरी से हटा दिया है। इस तरह से कंपनी ने लगभग 300 लोगों की छंटनी की है। कंपनी का कहना है कि उसने अपने परिचालन को चुस्त-दुरुस्त बनाने के लिए यह कदम उठाया है।
फूडपांडा के प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी ने अपने कुल श्रमबल में 15 फीसदी की कमी की है, जो कि लगभग 300 कर्मचारी हैं। ईमेल से भेजी प्रतिक्रिया में कंपनी ने कहा है कि उसने ऑर्डर पर काम करने में 98 फीसदी ऑटोमेशन हासिल करते हुए मानवीय हस्तक्षेप कम करने में सफलता पाई है, इसी के चलते श्रम बल में लगभग 15 फीसदी की कमी की गई है। फूडपांडा इंडिया के सीईओ सौरभ कोचर ने कहा कि हम प्रसंस्करण व प्रौद्योगिकी में निवेश जारी रखेंगे लेकिन इसके साथ ही हमें कुछ मुश्किल फैसले भी करने होंगे। लेकिन हमारा मानना है कि लक्षित समयसीमा में टिकाउ व लाभप्रद बनाने की हमारी राह में ये जरूरी कदम हैं।
गुप्ता की भेदिया कारोबार में दोषसिद्धि का फैसला पलटने की याचिका खारिज
गोल्डमैन सैक्स के भारतीय मूल के पूर्व निदेशक रजत गुप्ता की भेदिया कारोबार के आरोप में दोषसिद्धि का फैसला पलटने संबंधी याचिका खारिज हो गई है, हालांकि, उनकी सजा समाप्त होने में तीन महीने ही बचे हैं। अमेरिका की अपीलीय अदालत ने गुप्ता की याचिका खारिज कर दी, जिसमें उन्होंने कहा था कि यह साबित करने के लिए अपर्याप्त साक्ष्य हैं कि उन्हें सजायाफ्ता राज राजरत्नम को गोल्डमैन सैक्स के बारे में गोपनीय सूचना के बदले व्यक्तिगत लाभ मिला।
गुप्ता की दो साल की कैद अगले साल मार्च में समाप्त होने वाली है और उन्होंने जून 2012 में दोषसिद्धि के बाद से कई अपील की है लेकिन अदालतों ने उनकी दलील खारिज कर दी और उनकी सजा बरकरार रखी। मैकिंजी के पूर्व प्रमुख फिलहाल मैसेच्यूसेट्स की एक जेल में सजा काट रहे हैं।