नई दिल्ली। 8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लिए गए नोटबंदी के फैसले पर पूर्व PM मनमोहन सिंह ने अपना नजरिया रखते हुए कहा कि नोटबंदी से न केवल इकॉनोमी की रफ्तार सुस्त हुई है बल्कि बहुत से सेक्टर्स में मंदी की स्थिति आने से नौकरियों में भी कमी आई है। कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक में मनमोहन सिंह ने यह भी कहा कि प्राइवेट सेक्टर में निवेश में बहुत कमी आई है और इकॉनोमी केवल खर्च के एक इंजन पर चल रही है। इस दौरान उन्होंने बताया कि इकनॉमिक ऐक्टिविटी को वास्तविक तरीके से मापने वाली ग्रॉस वैल्यू एडेड (GVA) में भी बड़ी गिरावट आई है। इंडस्ट्री की GVA ग्रोथ मार्च 2016 में 10.7 फीसदी थी, जो मार्च 2017 में गिरकर केवल 3.8 फीसदी रह गई।
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मनमोहन सिंह का कहना था कि चौथी तिमाही और 2016-17 के पूरे वर्ष के लिए GDP आंकड़े हाल ही में जारी किए गए हैं। देश की इकॉनोमिक ग्रोथ में बड़ी कमी आई है और इसका बड़ा कारण नोटबंदी रहा है। सिंह ने कहा कि इसका सबसे बुरा असर नौकरियों पर हुआ है। उन्होंने कहा कि देश के युवाओं के लिए नौकरी पाना बहुत मुश्किल हो गया है। देश में बड़ी संख्या में रोजगार देने वाली कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री कमजोर हुई है। इससे लाखों नौकरियां जा सकती हैं।
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CWC की बैठक में मौजूद पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (GST) लागू होने से बड़ी प्रशासनिक मुश्किलें पैदा हो सकती हैं और महंगाई बढ़ सकती है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी CWC की बैठक में नोटबंदी के फैसले पर सवाल उठाए। उन्होंने इस दौरान वापस आई पुरानी करंसी का आंकड़ा न बताने के लिए केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक (RBI) की निंदा की।