नई दिल्ली। नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत ने आज कहा कि देश को 9 से 10 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि हासिल करने लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण और ग्रामीण विकास समेत विभिन्न क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण सुधार पर ध्यान देना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि देश की तरक्की के लिए राज्यों के बीच प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने की जरूरत है और आयोग इस दिशा में काम कर रहा है।
भारतीय गुणवत्ता परिषद के 12वें राष्ट्रीय गुणवत्ता सम्मेलन में कांत ने कहा, उल्लेखनीय है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर घटकर 5.7 प्रतिशत के तीन साल के निचले स्तर पर आ गई है। गुणवत्ता को अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा, सरकार ने इस दिशा में पिछले तीन साल में काफी काम किया है। व्यापार सुगमता को बढ़ाया गया जिससे काम करना आसान हुआ है। कानून और प्रक्रियाएं कम की गई हैं। 1200 कानून कम किए गए। अब कंपनी का पंजीकरण एक दिन में होता है, निर्यात-आयात फॉर्म की संख्या को कम कर तीन पर लाया गया है, जो पहले 12 तक थे। सबसे महत्वपूर्ण राज्यों के बीच प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा दिया गया है।
नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने कहा, भारत को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का अभिन्न हिस्सा बनाना है। आपको आयात करना है। आपको निर्यात करना है। लेकिन निर्यात के क्षेत्र में तबतक आप आगे नहीं बढ़ सकते जबतक बेहतर गुणवत्ता वाले उत्पाद का विनिर्माण नहीं होता। इसीलिए गुणवत्ता की दिशा में बड़े आंदोलन की जरूरत है।
प्रतिस्पर्धा की अहमियत को रेखांकित करते हुए कांत ने कहा, देश को आगे बढ़ाने के लिए राज्यों के बीच प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना जरूरी है। नीति आयोग में हम राज्यों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, जल प्रबंधन और कृषि के मामले में उनके प्रदर्शन का आकलन कर रहे हैं। कौन से राज्य अच्छा कर रहे हैं, कौन से नहीं हम उसे सार्वजनिक कर रहे हैं। हम उनकी रैंकिंग कर रहे हैं। इससे उनमें प्रतिस्पर्धा की भावना बढ़ रही है।