नई दिल्ली। ढांचागत परियोजनाओं में निवेश को बढ़ावा देने के सरकार के संकल्प पर जोर देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐसी चिह्नित परियोजनाओं का एक खाका मंगलवार को प्रस्तुत किया जिन पर पांच साल में 102 लाख करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं पर 102 लाख करोड़ रुपए खर्च करने की घोषणा की। सरकार के इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में खर्च बढ़ाने के हिस्से के रूप में अगले पांच सालों के दौरान इस भारी भरकम राशि को खर्च किया जाएगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकारी कार्यबल ने 102 लाख करोड़ रुपए की ढांचागत परियोजनाओं की पहचान की है। वित्त मंत्री ने कहा कि पहचान की गई ढांचागत परियोजनाओं की निगरानी के लिए राष्ट्रीय अवसंरचना परियोजनाओं के लिए समन्वय प्रणाली की शुरुआत की जाएगी।
वित्त मंत्री ने कहा केंद्र, राज्यों ने पिछले छह साल के दौरान बुनियादी परियोजनाओं पर 51 लाख करोड़ रुपए खर्च किए हैं और अगले पांच साल में 100 लाख करोड़ रुपए और निवेश किए जाएंगे। वित्त मंत्री ने कहा कि 100 लाख करोड़ रुपए की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में केंद्र, राज्यों का 39-39 प्रतिशत हिस्सा होगा, जबकि शेष 22 प्रतिशत परियोजनाएं निजी क्षेत्र की होंगी।
प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अपने भाषण में इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में 100 लाख करोड़ रुपए का निवेश करने की बात कही थी। इसी के अनुरूप एक कार्यबल ने चार माह के दौरान 70 प्रतिभागियों के साथ परिचर्चा के बाद 102 लाख करोड़ रुपए मूल्य की परियोजनाओं की पहचान की है। उन्होंने कहा कि 3 लाख करोड़ रुपए की परियोजनाएं और इसमें जोड़ी जा सकती हैं।
मंत्री ने बताया कि इन परियोजनाओं की पहचान पावर, रेलवे, शहरी सिंचाई, परिवहन, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में की गई है। उन्होंने बताया कि ऊर्जा क्षेत्र में लगभग 25 लाख करोड़ रुपए की परियोजनाओं को पहचाना गया है। इसके अलावा सड़क क्षेत्र में 20 लाख करोड़ और रेलवे में 14 लाख करोड़ रुपए की परियोजनाओं को चिन्हित किया गया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि 102 लाख करोड़ रुपए के नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स भारत को 2025 तक 5 लाख करोड़ रुपए की अर्थव्यवस्था बनाने में मदद करेगा।