नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सोमवार को राज्यों के मुख्यमंत्रियों, वित्त मंत्रियों के साथ बैठक करेंगी। इस बैठक में अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में मदद करने के लिए निजी निवेश को आकर्षित करने के उपायों पर चर्चा की जाएगी। आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव अजय सेठ ने शुक्रवार को बताया कि बैठक के दौरान निजी निवेश आकर्षित करने के लिए भूमि, जल से जुड़े नियमों को सुगम करने पर विचार किया जाएगा।
वित्त सचिव टी. वी सोमनाथन ने संवाददाताओं को बताया कि यह बैठक कोविड-19 की दो लहरों के बाद अर्थव्यवस्था में तेजी से पुनरुद्धार और केंद्र सरकार के पूंजी व्यय पर जोर को ध्यान में रखते हुए बुलाई गई है। उन्होंने राज्यों के मुख्यमंत्रियों और वित्त मंत्रियों के साथ सीतारमण की बैठक के बारे में पत्रकारों को जानकारी देते हुए कहा कि चर्चा का केंद्र राज्य स्तर के ऐसे मुद्दे, अवसर और चुनौतियां होंगी, जिनके जरिये हम ऊंचा निवेश और वृद्धि हासिल कर सकते हैं।
सचिव ने कहा कि सरकार पूंजीगत व्यय कर रही है और निजी क्षेत्र की ओर से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है, लेकिन बड़े पैमाने पर अभी तक यह वास्तविक निवेश में तब्दील नहीं हुआ है। हालांकि, पूंजी व्यय बड़े पैमाने पर निवेश की संभावना को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि भारत निवेश के लिए आकर्षक स्थान बनता जा रहा है। निजी क्षेत्र से सकारात्मक प्रतिक्रिया आ रही है। साथ ही भू-राजनीतिक घटनाक्रम भी भारत के पक्ष में हैं। वही आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव अजय सेठ ने शुक्रवार को बताया कि बैठक के दौरान निजी निवेश आकर्षित करने के लिए भूमि, जल से जुड़े नियमों को सुगम बनाने पर विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस बैठक का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि केवल केंद्र सरकार द्वारा ही नहीं, बल्कि राज्य सरकारों द्वारा भी इस समय का उपयोग कर विकास को आगे बढ़ाया जाए।
सरकारी बैंकों, वित्तीय संस्थानों के प्रमुखों के साथ भी होगी बैठक
इसी हफ्ते वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कोविड-19 महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था के उत्पादक क्षेत्रों में ऋण प्रवाह में नरमी को दूर करने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थानों के प्रमुखों के साथ बैठक करेंगी। 17 नवंबर से शुरू होने वाले इस दो दिवसीय सम्मेलन में सार्वजनिक क्षेत्र के सभी बैंक और वित्तीय संस्थान हिस्सा लेंगे। इसके अलावा, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, चोलामंडलम इन्वेस्टमेंट एंड फाइनेंस, श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनेंस और टाटा कैपिटल सहित निजी क्षेत्र के शीर्ष छह ऋणदाताओं और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के सीईओ भी मौजूद रहेंगे।
वित्त मंत्रालय ने बैंकों और वित्तीय संस्थानों के चेयरमैन और सीईओ को संबोधित एक पत्र में कहा कि दो दिवसीय सम्मेलन में अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में सहज तरीके से ऋण के प्रवाह पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, सम्मेलन में विभिन्न क्षेत्रों की व्यापक समीक्षा की जाएगी तथा आत्मनिर्भर भारत अभियान सहित सरकारी योजनाओं की प्रगति का जायजा लिया जाएगा।
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