नयी दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सोमवार से विभिन्न पक्षों के साथ के साथ बजट पूर्व बैठकों का सिलसिला शुरू करने जा रही हैं। इस दौरान वित्त मंत्री उद्योग संगठनों, कृषि संगठनों और अर्थशास्त्रियों के साथ बैठकों में उपभोग और वृद्धि को प्रोत्साहन के लिए सुझाव मांगेंगी। सीतारमण मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में अपना दूसरा बजट एक फरवरी 2020 को पेश करेंगी। सूत्रों ने बताया कि बजट पूर्व विचार विमर्श सोमवार से शुरू होकर 23 दिसंबर तक चलेगा।
आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहन पर रहेगा मुख्य ध्यान
सूत्रों के मुताबिक, इस बार बजट में मुख्य ध्यान आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहन पर रहेगा। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर घटकर 4.5 प्रतिशत के छह साल के निचले स्तर पर आ गई है। वित्त मंत्रालय के अनुसार निर्मला सीतारमण सोमवार को सुबह 'नव अर्थव्यवस्था: स्टार्ट अप्स, फिनटेक और डिजिटल' क्षेत्र के अंशधारकों से मिलेंगी। बाद में दिन में वह वित्तीय और पूंजी बाजार क्षेत्र के प्रतिनिधियों के साथ विचार विमर्श करेंगे।
मांग बढ़ाने के लिए इनकम टैक्स में मिलेगी राहत!
उद्योग सूत्रों ने कहा कि सरकार ने उनसे कारोबार सुगमता, नियामकीय वातावरण की वजह से निवेश पर प्रभाव, निर्यात प्रतिस्पर्धा, देरी से भुगतान और अनुबंध के प्रवर्तन, निजी निवेश और वृद्धि में सुधार पर उनके विचार मांगे हैं। वित्त मंत्री संभवत: 19 दिसंबर को उद्योग मंडलों के साथ बैठक करेंगी। सरकार पहले ही कॉरपोरेट कर की दर में उल्लेखनीय कटौती कर चुकी है। उसके बाद उम्मीद की जा रही है कि सरकार व्यक्तिगत आयकर में बदलाव के जरिये वेतनभोगी वर्ग को कुछ राहत देगी। उद्योग संगठन मांग कर रहे है कि व्यक्तिगत आयकर दाताओं के मामले में आयकर छूट की सीमा को मौजूदा के 2.5 लाख रुपए से बढ़ाकर पांच लाख रुपए किया जाना चाहिए। इससे वस्तुओं और सेवाओं की मांग बढ़ सकेगी।