चेन्नई। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि सरकार और उद्योग के बीच विश्वास कोविड-19 महामारी से उत्पन्न अवसरों का लाभ उठाने के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने साथ ही यह आश्वासन दिया कि विकास वित्त संस्थान (डीएफआई), नेशनल बैंक फॉर इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंसिंग एंड डेवलपमेंट (एनएबीएफआईडी) जल्द ही काम करने लगेगा। वित्त मंत्री ने यहां उद्योग मंडल सीआईआई के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि यह भरोसा सरकार के कार्यों में भी झलकता है।
उन्होंने महामारी से निपटने के लिए सरकार की रणनीति के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि एक तरफ टीकाकरण में तेजी लाने पर ध्यान दिया जा रहा है क्योंकि यह महामारी के खिलाफ सबसे बड़ी सुरक्षा है, तो दूसरी तरफ सरकार निजी क्षेत्र की मदद कर टियर 2 और टियर 3 शहरों सहित देश में स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने पर काम कर रही है। सीतारमण ने साथ ही कहा कि सरकार की घोषित विनिवेश योजना पटरी पर है।
वित्त मंत्री ने अपने 2021-22 के बजट भाषण में सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों और एक सामान्य बीमा कंपनी के निजीकरण सहित व्यापक निजीकरण के एजेंडे की घोषणा की थी। केंद्र ने आईडीबीआई बैंक, बीपीसीएल, शिपिंग कॉर्पोरेशन, कंटेनर कॉरपोरेशन, नीलांचल इस्पात निगम लिमिटेड और अन्य की रणनीतिक बिक्री सहित सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी की बिक्री से 1.75 लाख करोड़ रुपये हासिल करने का लक्ष्य रखा है। सीतारमण ने यह भी आश्वासन दिया कि बजट में घोषित विकास वित्त संस्थान (डीएफआई) जल्द ही चालू हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि तरलता अब एक बड़ी चिंता का विषय नहीं है और बैंक-एनबीएफसी-एमएफआई चैनल को खोल दिया गया है तथा 15 अक्टूबर से उन लोगों तक ऋण पहुंचाने के लिए एक विशेष अभियान चलाया जाएगा, जिन्हें इसकी जरूरत है। संसद ने इस साल संसद में एक विधेयक पारित किया। इसके जरिये 20 हजार करोड़ रुपये की पूंजी से डीएफआई की स्थापना का मार्ग प्रशस्त किया गया। राष्ट्रीय ढांचागत पाइपलाइन के लिये 111 लाख करोड़ रुपये की पूंजी जुटाने के लिहाज से इस संस्थान की स्थापना महत्वपूर्ण होगी।
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