नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अनुमान दिया है कि मौजूदा वित्त वर्ष में जीडीपी ग्रोथ में अनुमानों से कम गिरावट दर्ज होगी। वित्त मंत्री के मुताबिक पहली तिमाही में आए तेज गिरावट की वजह से अर्थव्यवस्था में रिकवरी के बावजूद विकास दर नकारात्मक रहेगी या फिर शून्य के करीब रहेगी। वित्त मंत्री ने मंगलवार को कहा कि अर्थव्यवस्था में अब सुधार के संकेत दिखने लगे हैं। हालांकि चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर में गिरावट होगी या फिर शून्य के करीब रहेगी। उन्होंने कहा कि 2020-21 की पहली तिमाही में अर्थव्यवस्था में 23.9 प्रतिशत की जबर्दस्त गिरावट आई है, जिससे पूरे वित्त वर्ष के दौरान जीडीपी की वृद्धि दर नकारात्मक या शून्य के करीब रहेगी। इससे पहले रिजर्व बैंक और विदेशी संस्थानों ने वित्त वर्ष के दौरान 9 फीसदी से ज्यादा की गिरावट का अनुमान दे चुके हैं। हालांकि अब वित्त मंत्री ने ग्रोथ के शून्य के करीब रहने का अनुमान दिया है।
सेरा वीक के भारत ऊर्जा मंच को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने कोरोना वायरस महामारी की वजह से 25 मार्च से सख्त ‘लॉकडाउन’ लगाया था क्योंकि लोगों के जीवन को बचाना ज्यादा जरूरी था। वित्त मंत्री ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से ही हम महामारी से निपटने के लिए तैयारियां कर सके। वित्त मंत्री ने कहा कि आर्थिक गतिविधियों को खोले जाने के साथ वृहद आर्थिक संकेतकों में सुधार दिखाई दे रहा है। सीतारमण ने कहा कि त्योहारी सीजन से अर्थव्यवस्था को और रफ्तार मिलने की उम्मीद है। ‘‘इससे चालू वित्त वर्ष की तीसरी और चौथी तिमाही में वृद्धि दर सकारात्मक रहने की उम्मीद है।’’ उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर 2020-21 में जीडीपी की वृद्धि दर नकारात्मक या शून्य के करीब रहेगी। वित्त मंत्री ने कहा कि अगले वित्त वर्ष से वृद्धि दर में सुधार होगा।रिजर्व बैंक ने मौजूदा वित्त वर्ष में 9.5 फीसदी की गिरावट का अनुमान दिया है। वहीं आईएमएफ ने 10.3 फीसदी और वर्ल्ड बैंक ने 9.6 फीसदी की गिरावट का अनुमान दिया है। हालांकि लगभग सभी अनुमानों में अगले साल तेज रिकवरी की भी बात कही गई है। कोरोना संकट की वजह से भारत में लॉकडाउन के बाद आर्थिक गतिविधियों में तेज गिरावट देखने को मिली थी। मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में इसी वजह से रिकॉर्ड 22.8 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई थी। हालांकि लॉकडाउन खुलने के साथ साथ अर्थव्यवस्था में रिकवरी के शुरुआती संकेत दिखने लगे हैं, और अनुमान लगाया जा रहा है कि अर्थव्यवस्था जल्द पटरी पर लौट सकती है।