नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि बजट में वेतनभोगी तबके और वरिष्ठ नागिरकों को 12,000 करोड़ रुपए का फायदा पहुंचाया गया है। वित्तमंत्री ने शेयरों पर दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर लगाए जाने का भी बचाव किया। जेटली ने यह भी कहा कि नोटबंदी और माल एवं सेवाकर (जीएसटी) से अर्थव्यवस्था को मध्यम से लेकर दीर्घकाल में फायदा होगा, जिससे देश अगले वित्त वर्ष से एक बार फिर दुनिया का सबसे तेज गति से वृद्धि करने वाला बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
वर्ष 2018- 19 के आम बजट पर लोकसभा में हुई चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि 2014 में केंद्र की सत्ता में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के आने के बाद से कई बदलाव हुए हैं। जेटली ने कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था का तमगा बरकरार रखने में मात्र 0.1 प्रतिशत की कमी से पीछे रह गया। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के मुताबिक भारत फिर से सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बनेगा।
नोटबंदी के प्रभाव पर उन्होंने कहा कि आर्थिक वृद्धि में मात्र 0.4 प्रतिशत की कमी आई है। जेटली ने बजट घोषणाओं का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने बजट में सभी वर्गों का ध्यान रखा है और मध्यम वर्ग के साथ-साथ वरिष्ठ नागिरकों को भी राहत पहुंचाई है। उन्होंने कहा कि वेतनभोगी तबके को कुल मिलाकर 8,000 करोड़ रुपए की राहत दी गई है। इसके साथ ही पेंशनरों और वरिष्ठ नागिरकों को 4,000 करोड़ रुपए की राहत दी गई। चुनौतीपूर्ण समय में भी 12,000 करोड़ रुपए की राहत देना काफी मुश्किल था लेकिन मैंने पिछले चार बजट की परंपरा को बनाए रखा।
शेयरों के लाभ पर दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर लगाए जाने का बचाव करते हुए जेटली ने कहा कि शेयर बाजार में गिरावट को इस कर प्रस्ताव से जोड़ना गलत होगा। इसकी वजह वैश्विक बाजारों से जुड़ी है। उन्होंने कहा कि कर प्रस्तावों का असर वैश्विक बाजारों पर नहीं हो सकता है।