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GST हटाने से महंगा हो जाएगा कोरोना का टीका! वित्त मंत्री ने टैक्स हटाने से किया इंकार

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कोविड टीका, दवाओं और आक्सीजन कंसंट्रेटर्स पर माल एवं सेवाकर (जीएसटी) हटाने को एक तरह से खारिज करते हुये कहा कि इसके हटने से ये जीवन रक्षक दवायें और सामान खरीदारों के लिये महंगे हो जायेंगे।

Edited by: India TV Paisa Desk
Updated on: May 10, 2021 9:59 IST
GST हटाने महंगा हो जाएगा...- India TV Paisa
Photo:AP

GST हटाने महंगा हो जाएगा कोरोना का टीका! वित्त मंत्री ने टैक्स हटाने से किया इंकार

नयी दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कोविड टीका, दवाओं और आक्सीजन कंसंट्रेटर्स पर माल एवं सेवाकर (जीएसटी) हटाने को एक तरह से खारिज करते हुये कहा कि इसके हटने से ये जीवन रक्षक दवायें और सामान खरीदारों के लिये महंगे हो जायेंगे। इसका कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि जीएसटी हटने पर इनके विनिर्माताओं को उत्पादन में प्रयोग किए गए कच्चे/मध्यवर्ती माल व सामग्री पर चुकाये गये कर के लिए इनपुट-टैक्स-क्रेडिट का लाभ नहीं मिल पायेगा। 

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वर्तमान में टीके की घरेलू आपूर्ति और वाणिज्यिक आयात करने पर पांच प्रतिशत की दर से जीएसटी लगता है वहीं कोविड दवाओं और आक्सीजन कंसंट्रेटर्स पर 12 प्रतिशत की दर से जीएसटी लागू है। कांग्रेस की कार्यवाहक अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पिछले महीने कहा था कि कोविड-19 के इलाज में काम आने वाली सभी दवाओं, उपकरणों और अन्य साधनों को जीएसटी से छूट दी जानी चाहिये। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी इसी तरह की मांग की है। 

सीतारमण ने इन सामानों पर जीएसटी से छूट दिये जाने की मांग को लेकर ट्वीट में जवाब देते हुये कहा, ‘‘यदि टीके पर पूरे पांच प्रतिशत की छूट दे दी जाती है तो टीका विनिर्माताओं को कच्चे माल पर दिये गये कर के लिए इनपुट कर क्रेडिट का लाभ नहीं मिलेगा और वह पूरी लागत को ग्राहकों, नागरिकों से वसूलेंगे। पांच प्रतिशत की दर से जीएसटी लगने से विनिर्माताओं को इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का लाभ मिलता है और यदि आईटीसी अधिक होता है तो वह रिफंड का दावा कर सकते हैं। इसलिये टीका विनिर्माताओं को जीएसटी से छूट दिये जाने का उपभोक्ताओं को नुकसान होगा।’’ 

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सीतारमण ने जो भी ट्वीट किये उनमें से 16 ट्वीट प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भेजे ममता बनर्जी के पत्र के जवाब में किये गये थे। भारत इस समय दुनिया में कोविड-19 की दूसरी लहर से जूझ रहा है जो दुनिया में बससे गंभीर है। देश में रोज चार लाख से अधिक संक्रमण के नये मामले सामने आ रहे हैं। संक्रमण से अब तक देश में 2.42 लाख लोगों की मौत हो चुकी है। देशभर में स्वास्थ्य सुविधायें भारी दबाव में आ गई हैं। अस्पतालें में बिस्तर कम पड़ रहे हैं। कई चिकित्सा उपकरणों और टीकों की मांग पूरी नहीं हो पा रही है। 

वित्त मंत्री ने समझाया गणित

सीतारमण ने कहा कि यदि एकीकृत जीएसटी (आईजीएसीटी) के रूप में किसी सामान पर 100 रुपये की प्राप्ति होती है तो इसमें से केन्द्रीय जीएसटी और राज्य जीएसटी के तौर आधी- आधी रकम दोनों के खाते में जाती है इसके अलावा केंद्र को केन्द्रीय जीएसटी के तौर पर मिलने वाली राशि में से 41 प्रतिशत हिस्सा भी दिया जाता है। इस प्रकार प्रत्येक 100 रुपये में से 70.50 रुपये की राशि राज्यों का हिस्सा होता है। वित्त मंत्री ने कहा कि, ‘‘वास्तव में पांच प्रतिशत की दर से जीएसटी टीका बनाने वाली कंपनियों और लोगों के हित में है।’’

ममता बनर्जी ने लिखा खत

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दिन में एक पत्र प्रधानमंत्री को लिखा जिसमें उन्होंने विभिन्न संगठनों से दान स्वरूप मिलने वाले आक्सीजन कंसंट्रेटर्स, सिलेंडर, क्रायोजिनिक स्टोरेज टेंक और कोविड संबंधी दवाओं को जीएसटी और सीमा शुल्क से छूट दिये जाने की मांग की है। सीतारमण ने ट्वीट के जरिये मुख्यमंत्री के पत्र का जवाब देते हुये कहा कि इस तरह के सामानों को पहले ही सीमा शुल्क और स्वास्थ्य उपकर से छूट दी जा चुकी है। इसके साथ ही देश में मुफ्त वितरण के लिये भारतीय रेड क्रास द्वारा आयात की जाने वाली कोविड राहत सामग्री को एकीकृत जीएसटी से भी छूट दी गई है। इसके अलावा किसी भी कंपनी, राज्य सरकार, राहत एजेंसी अथवा स्वतंत्र निकाय के द्वारा राज्य सरकार से प्राप्त प्रमाणपत्र के आधार पर देश में मुफ्त वितरण के लिये बिना लागत आयात की जाने वाली कोविड सामग्री पर भी आईजीएसटी से छूट दी जा चुकी है। 

सीमा शुल्क में छूट

सीतारमण ने कहा, ‘‘इस प्रकार के सामन की देश में उपलब्धता बढ़ाने के लिये सरकार ने इस प्रकार की सामग्री के वाणिज्यिक तौर पर आयात किये जाने पर भी मूल सीमा शुल्क और स्वास्थ्य उपकर से पूरी तरह छूट दी है। सरकार ने रेमडेसिविर टीका और इसमें इस्तेमाल होने वाली सामग्री (एपीआई), नैदानिक किट, चिकित्सा श्रेणी की आक्सीजन, आक्सीजन थेरेपी से जुड़ी उपकरण जैसे कि आक्सीजन कंसंट्रेटर्स, क्रायोजेनिक परिवहन टैंक आदि और कोविड टीकों सहित कोविड-19 से जुड़ी राहत सामग्री के आयात को पहले ही सीमा शुल्क से छूट दे दी है। 

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