नई दिल्ली| वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बड़ी सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइसेस कहा है कि वो ग्रोथ को सहारा देने के लिए अपने पूंजीगत व्यय यानि कैपिटल एक्सपेंडिचर में तेजी लाएं। इन CPSE से वित्त मंत्री ने कहा है कि वित्त वर्ष 2020-21 के लिए तय खर्च लक्ष्य का 75 फीसदी हिस्सा दिसंबर तक खर्च कर लें। इसके साथ ही केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) द्वारा पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) बढ़ाने की जरूरत पर जोर देते हुए केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि उन्हें चालू और अगले वित्तवर्ष दोनों में खर्च बढ़ाना पड़ेगा। वित्तमंत्री ने यह भी कहा कि सीपीएसई के बेहतर प्रदर्शन से भारतीय अर्थव्यवस्था को कोविड-19 के प्रभाव से उबरने में बड़ी मदद मिल सकती है।
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस और कोयला मंत्रालय के सचिवों और 14 सीपीएसई के सीएमडी के साथ एक वीडियो कांफ्रेंसिंग बैठक के दौरान सीतारमण ने संबंधित सचिवों से कहा कि वित्तवर्ष 2020-21 की तीसरी तिमाही के अंत तक कुल पूंजी का 75 प्रतिशत तक व्यय सुनिश्चित करने के लिए उचित योजना तैयार की जाए। उन्होंने कहा कि इसके लिए मंत्रालयों के सचिव और 14 सीपीएसई के सीएमडी के बीच तालमेल बिठाने की जरूरत है। ये कोरोना संकट से निपटने और विकास में तेजी लाने के लिए सरकार के द्वारा की जा रही बैठकों की कड़ी में चौथी बैठक है। इस सभी बैठक अर्थव्यवस्था में रिकवरी तेज करने के उपायों को तलाशने के लिए की जा रही है।
वित्तवर्ष 2019-20 में, इन 14 सीपीएसई के लिए 1,11,672 करोड़ रुपये के लक्ष्य के मुकाबले 1,16,323 करोड़ रुपये खर्च हुए जो कि टारगेट से ज्यादा है। वित्तवर्ष 2020-21 के लिए पूंजीगत व्यय का लक्ष्य 1,15,934 करोड़ रुपये का है। भारतीय अर्थव्यवस्था को गति देने में सीपीएसई की महत्वपूर्ण भूमिका का जिक्र करते हुए वित्तमंत्री ने कहा कि वो अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए और बेहतर प्रदर्शन करें और सही तरीके से और समय के भीतर खर्च किया जाए।