नई दिल्ली। अगर देश की हर व्यक्ति ईमानदारी से टैक्स चुकाता है तो सरकार को कोई भी उधार नहीं लेना होगा। नोटबंदी पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बोलते हुए ये बयान दिया है। वित्त मंत्री ने कहा कि 500 और 1000 रुपए के नोट बंद होने से आम आदमी को परेशानी भी हुई है। हालांकि पूरा देश इस कदम का स्वागत कर रहा है। यह फैसला एतिहासिक है।
जेटली ने कहा-नोटबंदी से गिरबी मिटाने में मदद मिलेगी
- 70 साल तक जो चीज सामान्य थी पीएम मोदी ने अब उस सामान्य का अर्थ बदल दिया है
- नोटबंदी से गरीबी मिटाने में मदद मिलेगी। ये फैसला देश हित में है
- नोटबंदी का देशभर में स्वागत हो रहा है। यह एक ऐतिहासिक कदम है
- यह बहुत बड़ा निर्णय है और बहुत हिम्मत चाहिए थी सरकार को
- BJP संसदीय दल की बैठक में वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि हम नोटबंदी पर चर्चा के लिए तैयार हैं
- अगर सभी लोग ईमानदारी से टैक्स देते हैं तो देश को चलाने के लिए 4-5 लाख करोड़ रुपए का उधार नहीं लेना होगा
- टैक्स से सरकार को 16 लाख करोड़ रुपए की आमदनी होती है और बाकी के खर्चों के लिए 4-5 लाख करोड़ रुपया उधार लेना होता है
यह फैसला एतिहासिक है
- वित्त मंत्री ने कहा ये फैसला कितना बड़ा है। ये हमें सोचना है। 500 और 1000 के नोट देश की करंसी का 86 फीसदी हिस्सा हैं।
- सोचिए सवा लाख बैंकों, पोस्ट ऑफिस और एटीएम में करंसी छापकर पहुंचाना कितना कठिन है। एटीएम को रीकैलिबरेट करने में साढ़े चार घंटे लगते हैं।
राहुल नहीं पता क्या बोलना है
- कांग्रेस के उपाध्यक्ष कभी कहते हैं कि वित्त मंत्री को ही नहीं पता था, फिर कहते हैं कि पार्टी को बता दिया था। उन्हें ये ही नहीं पता कि क्या बोलना है।
ब्याज दरें घटने की उम्मीद
- मोदी ने 70 साल का फैसला बदला, ये आसान नहीं था। लाखों करोड़ रुपया बाजार में घूमता था, अब ये बैंकों में आ गया है। इससे बैंकों की कर्ज देने की क्षमता बढ़ जाती है। बैंकों ने कर्ज कम करना शुरू कर दिया है। ब्याज पर असर पड़ता है।
यहां देखें वित्त मंत्री का पूरा भाषण