नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरूण जेटली ने भारत के 40,000 करोड़ रुपए के सरकारी निवेश कोष एनआईआईएफ में अमेरिकी निवेश आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार के और विस्तार पर जोर दिया। अमेरिका की वाणिज्य मंत्री पेन्नी प्रित्जकर ने भी जेटली के साथ बातचीत कहा कि अमेरिका दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को संस्थागत रूप देना चाहता है ताकि इससे बढ़ावा दिया जा सके। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाने की काफी संभावनाएं हैं।
राज्यों के ग्रोथ पर जेटली को भरोसा
बैठक में जेटली ने उन्हें बताया कि भारत के कई राज्य 10 से 11 फीसदी की ग्रोथ हासिल कर रहे हैं और अमेरिकी निवेशकों के लिए इन राज्यों में निवेश के बड़े मौके हैं। वित्त मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय व्यापार से संबंधित मुद्दों पर विचार विमर्श किया और आपसी व्यापार बढ़ाने के उपायों पर चर्चा की। प्रित्जकर ने संसद में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक पारित होने का स्वागत करते हुए उम्मीद जताई कि इससे भारत में आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहन मिलेगा। प्रित्जकर ने कहा कि राज्यों के मुख्यमंत्रियों की अमेरिकी अधिकारियों के साथ वार्ता को एक ढांचागत आकार दिया जाना चाहिए जिससे द्विपक्षीय व्यापार को प्रोत्साहन दिया जा सके।
कारोबारी रिश्तों पर हुई प्रगति की समीक्षा करेगा भारत-अमेरिका सीईओ मंच
भारत और अमेरिका की मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) के मंच की मंगलवार को होने वाली बैठक में दोनों देशों के बीच कारोबारी रिश्तों को आगे बढ़ाने की दिशा में हुई प्रगति की समीक्षा करेंगे। इस बैठक में अक्षय उर्जा और रक्षा संबंधों और स्मार्ट सिटी परियोजना में दोनों देशों के बीच हुई प्रगति की समीक्षा होगी। साथ ही बैठक में आगे के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए रूपरेखा पर भी विचार होगा।