नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को इस बात के संकेत दिए कि भविष्य में डायरेक्ट और इनडायरेक्ट टैक्स रेट्स में कटौती हो सकती है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद अनएकाउंटेड मनी पर ऊंचा टैक्स लगाया जा रहा है और यह सारा धन सिस्टम में आएगा, जिसकी वजह से सरकार का राजस्व भी बढ़ेगा।
नोटबंदी के लाभ के बारे में उन्होंने कहा कि बड़ी मात्रा में नकदी बैंकों में आई है और जहां कहीं भी टैक्स का भुगतान नहीं किया जाता था, उसकी वसूली की जाएगी।
- भविष्य में ज्यादातर लेन-देन डिजिटल होगा और जब उल्लेखनीय रूप से डिजिटल लेन-देन शुरू होगा तो वह टैक्स दायरे में आएगा।
- इसीलिए भविष्य में टैक्स कलेक्शन का स्तर मौजूदा संग्रह के मुकाबले कहीं अधिक होगा।
- उन्होंने कहा कि ऐसा होने पर सरकार टैक्स रेट्स को अधिक युक्तिसंगत बना सकेगी।
- यह काम डायरेक्ट और इनडायरेक्ट दोनों तरह के टैक्सों में होगा।
तस्वीरों में देखिए नए नोटों को
Rs 500 and 1000
IndiaTV Paisa
IndiaTV Paisa
IndiaTV Paisa
IndiaTV Paisa
IndiaTV Paisa
- साथ ही बैंकों के पास काफी नकदी होगी, जिससे वे कम लागत पर कर्ज दे सकेंगे और अर्थव्यवस्था को मदद कर सकेंगे।
- स्पष्ट रूप से इन सभी लाभों के साथ व्यवस्था पर पड़ने वाली सामाजिक लागत नीचे आएगी।
- इसीलिए रिश्वत, नकली मुद्रा, आतंकवाद, टैक्स चोरी के मामले भी कम होंगे।
- अन्य सुधारों विशेषकर प्रस्तावित जीएसटी तथा नकद खर्च पर पैन के उपयोग के जरिये पाबंदी से समाज में भ्रष्टाचार कम होगा।
- जेटली ने कहा, इससे समाज में नकदी लेन-देन कम होगा और जहां तक टैक्स का सवाल है, चोरी कम होगी।