नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि सरकार बैंकों द्वारा कृषि क्षेत्र को दिए जा रहे कर्ज की स्थिति पर बराबर नजर रखे हुए है। उन्होंने उम्मीद जतायी कि अगले वित्त वर्ष में कृषि क्षेत्र के लिए 15 लाख करोड़ रुपये के कर्ज का लक्ष्य प्राप्त कर लिया जाएगा। वित्त मंत्री आज भारतीय रिजर्व बैंक की बोर्ड बैठक में शामिल हुई थीं, जिसके बाद वो मीडिया से भी मिलीं।
संवादाताओं से बातचीत के दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि कर्ज की सीमा बढ़ा दी गयी है। उन्हें पूरा भरोसा है कि ये सीमा स्थानीय जरूरतों के हिसाब से तय की गयी है। उनके मुताबिक सरकार को मांग में वृद्धि की उम्मीद है और इसे पूरा करने के लिए कर्ज की जरूरत भी बढ़ेगी। वित्त मंत्री के मुताबिक वो वास्तव में बैंकों की निगरानी कर रही हूं और खासकर ग्रामीण क्षेत्र के लिए कर्ज सुविधाओं के विस्तार पर बारीक नजर है। वित्त मंत्री के मुताबिक सरकार को उम्मीद है कि वो कर्ज लक्ष्य पा लेंगें।
सरकार ने 2020-21 के आम बजट में कृषि क्षेत्र के लिए कर्ज बांटने का लक्ष्य 11 प्रतिशत बढ़ाकर 15 लाख करोड़ रुपये रखा है। बजट में कृषि और संबंधित क्षेत्रों की विविध योजनाओं के लिए 1.6 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। आम तौर पर कृषि ऋण पर बैंक नौ प्रतिशत का वार्षिक ब्याज रखते हैं लेकिन सरकार इस पर दो प्रतिशत की ब्याज सहायता किसानों को देती है। यह सहायता तीन लाख रुपये तक के लघु अवधि के ऋणों पर दी जाती है। इस तरह कृषि ऋण पर प्रभावी ब्याज दर सात प्रतिशत वार्षिक बनती है।