वाशिंगटन। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अमेरिका के वाणिज्य मंत्री विलबर रोस के समक्ष H-1B वीजा के मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठाया और अधिक कुशल भारतीय पेशेवरों की अमेरिका में महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। आपको बता दें कि अरुण जेटली अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष तथा विश्वबैंक की सालाना गृष्मकालीन बैठक में भाग लेने के लिए प्रतिनधिमंडल के साथ अमेरिका पहुंचे है।
H-1B वीजा मुद्दा की समीक्षा शुरू हुई, पर अबतक कोई फैसला नहीं
सूत्रों के अनुसार ऐसा समझा जाता है कि यहां बैठक के दौरान रोस ने कहा कि अमेरिका ने एच-1बी वीजा मामले की समीक्षा शुरू की है और इस पर अबतक कोई फैसला नहीं हुआ है। ट्रंप प्रशासन के अंतर्गत दोनों देशों के बीच पहली कैबिनेट मंत्री स्तर की वार्ता है।यह भी पढ़े: अमेरिकी वीजा मुद्दों से जूझते हुये आगे बढ़ना होगा, स्थानीय-वैश्विक प्रतिभाओं का मिश्रण जरूरी: इंफोसिस
जेटली ने कहा-भारतीयों का आईटी सेक्टर में अहम योगदान
एक भारतीय अधिकारी ने कहा कि भारतीय आईटी कंपनियों तथा पेशेवरों के मामले को उठाते हुए जेटली ने रोस से अमेरिका तथा भारत के आर्थिक विकास में अत्यधिक कुशल भारतीयों के योगदान के बारे में बताया और जोर दिया के यह बना रहना चाहिए जो दोनों देशों के हित में है।
ट्रंप प्रशासन दक्ष पेशेवरों को तरजीह देना चाहता है
अमेरिकी वाणिज्य सचिव रोस ने कहा कि समीक्षा प्रक्रिया के जो भी नतीजा आएगा, ट्रंप प्रशासन का गुण आधारित आव्रजन नीति का लक्ष्य है जो उच्च दक्ष पेशेवरों को तरजीह दे। ट्रंप ने इस सप्ताह सरकारी आदेश पर दस्तखत किये जिसमें विदेश, श्रम, आतंविका सुरक्षा एवं न्याय विभागें द्वारा एच-1बी वीजा क समीक्षा बात ही गयी है। यह भी पढ़े: H1B वीजा नियमों पर भारतीय कंपनियों को मिल सकती है राहत, अमेरिका ने दिया भरोसा