न्यूयॉर्क। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि यह सुनिश्चित करना बैंकों की जिम्मेदारी है कि उनका कर्ज लेकर कोई भागने न पाए। उन्होंने शराब कारोबारी विजय माल्या के देश से बाहर जाने को लेकर उठे विवादों के बीच यह बात कही है, जिनपर बैंकों का 9,000 करोड़ रुपए से अधिक का बकाया है।
मुंबई की एक विशेष अदालत ने सोमवार को माल्या की गिरफ्तारी के आदेश दिए हैं। उससे कुछ ही दिन पहले सरकार ने उन्हें विदेश से लौट कर जांच में सहयोग करने तथा कर्ज चुकाने का दबाव डालने के लिए उनके पासपोर्ट को निलंबित कर दिया था। जेटली ने कहा, वह अदालत की कार्यवाही पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, आपके पास जांच एजेंसियां हैं, जो आपराधिक कानूनी मामलों को देख रही हैं और आपके बैंक हैं, जो निपटान मामलों को देख रहे हैं। मुझे लगता है कि दोनों अत्यंत योग्य संस्थान हैं, जो कानून के मानदंडों के भीतर कड़ाई से काम कर सकते हैं।
राजकोषीय अनुशासन पर कायम रहें राज्य सरकारें, बढ़ाएं बुनियादी ढांचे पर अपना खर्च: जेटली
बैंकों द्वारा किंगफिशर एयरलाइंस को दिए गए 9,000 करोड़ रुपए की कर्ज वसूली को लेकर कार्रवाई शुरू किए जाने से पहले माल्या देश छोड़कर लंदन चले गए। जेटली ने कहा, जहां तक बैंकों का सवाल है, यह उनकी जिम्मेदारी है कि वाणिज्यिक विचार के आधार पर वे यह सुनिश्चित करें कि कोई भी ऋण नहीं लौटाने वाला भागने में कामयाब न हो। उन्होंने यह भी कहा, केवल भारत की भौगोलिक सीमा से भागकर आप उस जिम्मेदारी से नहीं बच सकते, जो आप पर सार्वजनिक प्रणाली का बकाया है। वित्त मंत्री ने कहा, उन्होंने (जांच एजेंसियों तथा बैंकों) मजबूत संकेत दिया है कि वाणिज्यिक बैंकों का बकाया कर्ज लेकर आप भाग नहीं सकते, बैंक यह सुनिश्चित करेंगे कि उनका पैसा वापस मिले।