नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज आत्मनिर्भर भारत पैकेज के चौथे हिस्से का ऐलान किया। आज का पैकेज सुधारों पर केंद्रित रहा। सरकार ने आज 8 सेक्टर में निवेश के साथ निजी भागेदारी बढ़ाने और सभी पक्षों के लिए कारोबार में आसानी के लिए कई सुधार और सुधार प्रक्रियाओं का ऐलान किया। आज के ऐलान में कोयला, खनिज, रक्षा उत्पादन, एविएशन सेक्टर, बिजली वितरण, सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर, अंतरिक्ष, और परमाणु ऊर्जा तकनीक के लिए ऐलान किए गए हैं। सरकार द्वारा आज के अधिकांश सुधार ऐलान का मकसद निजी क्षेत्र की इन सेक्टर में भागेदारी को बढ़ाना है जिससे घरेलू कंपनियों को बेहतर मौके और आम लोगों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार मिल सके।
कोयला खनन
सरकार ने कोयला खनन में तेजी लाने औऱ इसे निजी क्षेत्र के लिए और आकर्षक बनाने के लिए कई कदमों का ऐलान किया है। सरकार के मुताबिक क्षेत्र में प्रतियोगिता और पारदर्शिता बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। इसके लिए सरकार प्रति टन कीमत की जगह आय में भागेदारी पर आधारित मॉडल लेकर आएगी। वहीं अब किसी भी इच्छुक पार्टी को कोल ब्लॉक में बोली लगाने और खुले बाजार में कोयला बेचने की इजाजत मिलेगी। इसके साथ ही करीब 50 कोल ब्लॉक को तुरंत बोली के लिए पेश करने की योजना है।
एक औऱ अहम बदलाव में आंशिक रूप से खोजे गए ब्लॉक को भी अब बोली के लिए रखा जाएगा जिसमें बोली लगाने वाली कंपनी आगे की खोज औऱ उत्पादन के आधार पर इन ब्लॉक ले सकेंगे। कोयला भंडार की खोज में निजी क्षेत्र को बढ़ावा दिया जाएगा। समय से पहले उत्पादन शुरू करने वाली कंपनियों को आय में भागेदारी के रूप में प्रोत्साहन देने की भी योजना है। सरकार के मुताबिक कोयला खनन के इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 50 हजार करोड़ की योजना पर भी काम जारी है। वहीं पर्यावरण की बेहतरी के लिए सेक्टर में बदलावों किए जाएंगे।
खनिज सेक्टर
वित्त मंत्री ने आज खनिजों के लिए भी कई सुधारों का ऐलान किया है। सरकार ने खोज, खनन और उत्पादन की एक संयुक्त व्यवस्था को सामने रखा है। वहीं वित्त मंत्री के मुताबिक पारदर्शी नीलामी प्रक्रिया के तहत 500 खनन ब्लॉक को बोली के लिए पेश किया जाएगा। एल्युमीनियम इंडस्ट्री की लागत कम करने के लिए बॉक्साइट और कोल मिनरल ब्लॉक का ज्वाइंट ऑक्शन किया जाएगा। इसके साथ ही सरकार का मिनरल इंडेक्स विकसित करने का भी प्रस्ताव है। वहीं वित्त मंत्री ने खनन पट्टे पर स्टैंप ड्यूटी में भी बदलाव के संकेत दिए हैं।
रक्षा उत्पादन
सरकार ने रक्षा उत्पादन में एफडीआई की सीमा 49 फीसदी से बढ़ाकर 74 फीसदी करने का ऐलान किया है। इसके साथ ही रक्षा उत्पादन में घरेलू कंपनियो की भागेदारी बढ़ाने के लिए सरकार ने कई सुधार कदमों का भी ऐलान किया। वित्त मंत्री के मुताबिक हथियार औऱ रक्षा उपकरण खरीद प्रक्रिया में घरेलू कंपनियों की मदद के लिए बदलाव किए गए हैं। जिससे घरेलू कंपनियों को ज्यादा से ज्यादा ऑर्डर मिलेंगे और आयात पर निर्भरता घटेगी। इसके साथ ही हथियारों की सप्लाई प्रक्रिया में स्वायत्ता, जवाबदेही और कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड के स्ट्रक्चर में जरूरी बदलाव होंगे।
एविएशन सेक्टर
वित्त मंत्री ने ऐलान किया कि भारतीय हवाई क्षेत्र को लेकर नियमों में ढील दी जाएगी जिससे उड़ानों का संचालन और बेहतर तरीके से हो। इन सुधारों से एयरलाइंस को सालाना 1000 करोड़ रुपये का फायदा मिलने का अनुमान है। वहीं निजी कंपनियों की मदद से 12 नए एयरपोर्ट भी बनाए जाएंगे। इसके साथ ही देश को एमआरओ (Maintenance, repair overhaul) का केंद्र बनाने के लिए भी कई ऐलान किए गए हैं।
बिजली वितरण कंपनियां
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि केंद्र शासित प्रदेशों में बिजली वितरण कंपनियों का निजीकरण किया जायेगा। निजीकरण से उपभोक्ताओं को बेहतर सेवा मिलेगी और बिजली वितरण में सुधार के साथ कंपनियों की वित्तीय सेहत भी बेहतर होगी। इस मॉडल को बाद में अन्य राज्यों में दोहराया भी जा सकेगा। आने वाले दिनों में एक संशोधित बिजली शुल्क नीति भी जारी की जाएगी। वित्त मंत्री के मुताबिक ये नीति उपभोक्ता-अधिकार और उद्योग को बढ़ावा देने और बिजली क्षेत्र की मजबूती पर केंद्रित होगी।
सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे अस्पताल, स्कूल, सड़कों को आर्थिक दृष्टि से व्यावहारिक बनाने के लिए सरकार की ओर से दी जाने वाली वित्तीय मदद बढ़ाने की घोषणा की। वित्त मंत्री के मुताबिक सामाजिक बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 8,100 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए जाएंगे।
अंतरिक्ष क्षेत्र
अंतरिक्ष कार्यक्रमों में निजी क्षेत्र की भागेदारी बढ़ाने के लिए भी कई सुधारों का ऐलान किया गया है। वित्त मंत्री के मुताबिक निजी क्षेत्र अब इसरो की तकनीकें, लैब और ऐसी अन्य सुविधाओं को फायदा उठा सकेंगे। वहीं भविष्य के अंतरिक्ष अभियान निजी क्षेत्र के लिए भी खुलेंगे। उपग्रहों से मिलने वाले आंकड़े टेक-कारोबारियों के साथ भी बांटे जाएंगे।
परमाणु ऊर्जा तकनीक
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत मेडिकल आइसोटोप के उत्पादन के लिये पीपीपी माडल पर अनुसंधान केंद्रित नाभिकीय संयंत्र स्थापित करेगा। उन्होंने कहा कि यह मेडिकल आइसोटोप का उत्पादन करेगा और कैंसर एवं अन्य बीमारियों के लिये किफायती उपचार उपलब्ध करायेगा। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के आधार पर तैयार होने वाला अनुसंधान रियेक्टर खाद्य संरक्षण, कृषि सुधारों को तेजी तथा किसानों की मदद करने के लिये विकिरण प्रौद्योगिकी का उपयोग करेगा।