नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को सड़कों, रेलवे परियोजनाओं और अन्य कार्यों के ठेकेदारों को उनके दायित्वों को पूरा करने की समयसीमा में छह माह तक के विस्तार की घोषणा की। रियल एस्टेट परियोजनाओं के मामले में भी उनके पंजीकरण से लेकर कार्य पूर्ण होने की तय समय सीमा को छह माह के लिये बढ़ा दिया गया है। इस संबंध में केन्द्रीय शहरी विकास मंत्रालय राज्यों के नियामकीय प्राधिकरणों को जरूरी सुझाव और परामर्श भेजेगा। सरकार के इस कदम से कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित विभिन्न परियोजनाओं के ठेकेदारों को राहत मिलेगी। कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिये देशभर में 25 मार्च 2020 से लॉकडाउन (पाबंदी) लागू हैं। जिसकी वजह से सभी तरह की गतिविधियां थम गई थी। लॉकडाउन का तीसरा चरण 17 मई को समाप्त हो रहा है।
वित्त मंत्री सीतारमण ने सरकार के 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का ब्योरा देते हुये कहा कि सभी केन्द्रीय एजेंसियां जैसे कि रेलवे, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग सहित तमाम एजेंसियां ठेकेदारों को बिना कोई हर्जाने के कार्यों को पूरा करने के लिये छह माह तक का समय-विस्तार देंगी। उन्होंने कहा कि इस विस्तार में निर्माण कार्य और माल एवं सेवाओं के अनुबंध वाले कार्यों के साथ ही कार्य पूरा करने का दायित्व, पहले हासिल किये जाने वाले पड़ावों और सार्वजनिक एवं निजी भागीदारी के मामले में रियायती अवधि का विस्तार भी शामिल है। वित्त मंत्री ने कहा कि ठेकेदारों के स्तर पर नकदी की तंगी को दूर करने के लिये सरकारी एजेंसिया उनकी आंशिक बैंक गारंटी को जारी कर सकती है। ठेकेदारों का जितना कार्य पूरा हुआ है उसके अनुरूप उनकी बैंक गारंटी को मुक्त किया जा सकता है।
सीतारमण ने कहा कि रियल एस्टेट परियोजनाओं पर भी कोविड- 19 का प्रभाव पड़ा है। आवास विकास परियोजनाओं के मामले में शहरी विकास मंत्रालय राज्यों के नियामकीय प्राधिकरणों (रेरा) को इस बाबत जरूरी प्रावधान करने के सुझाव देगा। रियल एस्टेट क्षेत्र की नई परियोजनाओं के पंजीकरण और पुरानी परियोजनाओं के पूर्ण होने की तिथि में भी छह माह तक का विस्तार दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि 25 मार्च से देश में लॉकडाउन लागू हुआ था। जिन परियोजनाओं के पंजीकरण अथवा कार्य पूर्ण होने की समय इसके आसपास था उनकी तिथि को स्वत: ही बिना किसी आवेदन के छह आगे बढ़ा दिया जाना चाहिये। इसके लिये परियोजना विकसित कर रहे डेवलपर से किसी प्रकार के आवेदन लेने की आवश्यकता नहीं है।