नई दिल्ली। अमेरिका की खुदरा क्षेत्र की दिग्गज कंपनी वॉलमार्ट की अगुवाई वाला समूह भारतीय ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट में 1.2 अरब डॉलर या 9,045 करोड़ रुपये का निवेश करेगा। इससे फ्लिपकार्ट भारतीय बाजार में अमेजन तथा मुकेश अंबानी की जियोमार्ट को चुनौती देने के लिए खुद को तैयार कर सकेगी। ई-कॉमर्स कंपनी में वॉलमार्ट की मेजॉरिटी की हिस्सेदारी है। वॉलमार्ट ने 2018 में 16 अरब डॉलर का निवेश कर फ्लिपकार्ट में 77 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया था। दोनों कंपनियों ने बयान में कहा कि निवेश के इस चरण में वॉलमार्ट के साथ समूह के मौजूदा शेयरधारकों ने भी हिस्सा लिया। इस निवेश के बाद फ्लिपकार्ट का मूल्यांकन 24.9 अरब डॉलर हो गया है। दो साल पहले फ्लिपकार्ट का मूल्यांकन 20.8 अरब डॉलर था।
फ्लिपकार्ट को ये रकम वित्त वर्ष की शेष अवधि में दो चरणों में मिलेगा। हालांकि, फ्लिपकार्ट ने यह नहीं बताया है कि अन्य कौन से शेयरधारक कंपनी में निेवश कर रहे हैं। फ्लिपकार्ट ने कहा, ‘‘इस नई पूंजी से उसे भारतीय बाजार में अपने ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस का और विस्तार करने में मदद मिलेगी। दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा इंटरनेट बाजार अब कोविड-19 संकट से उबरने लगा है।’’ फ्लिपकार्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) कल्याण कृष्णमूर्ति ने कहा, ‘‘कंपनी में वॉलमार्ट के शुरुआती निवेश के बाद से हमने प्रौद्योगिकी, भागीदारी और नई सेवाओं के जरिये अपनी पेशकश का काफी विस्तार किया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आज हम इलेक्ट्रॉनिक्स और फैशन क्षेत्र में सबसे आगे हैं और अन्य सामान्य श्रेणियों और किराना आदि में भी अपनी हिस्सेदारी बढ़ा रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि कंपनी अगले 20 करोड़ खरीदारों को ऑनलाइन लाने के लिए इनोवेशन करती रहेगी। फ्लिपकार्ट का गठन 2007 में हुआ था। समूह की कंपनियों में फ्लिपकार्ट के अलावा डिजिटल भुगतान मंच फोनपे, फैशन क्षेत्र की साइट मिन्त्रा और ई कार्ट शामिल हैं।