कंपनी के डिजिटल एवं उपभोक्ता वित्तीयन सेवा के प्रमुख मयंक जैन ने कहा कि आम आदमी के लिए खरीदारी को सस्ता बनाने की दिशा में यह एक पहला कदम है और ब्रांडों ने हमसे जुड़ने में दिलचस्पी दिखाई है। इस योजना में ऑनलाइन खरीदारी में क्रांतिकारी बदलाव लाने की वैसी ही क्षमता है, जैसा हमने कुछ साल पहले कैश ऑन डिलीवरी के जरिए किया था। कंपनी ने इस सेवा के लिए बजाज फिनसर्व लिमिटेड तथा अन्य प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियों के साथ साझेदारी की है। यह सेवा पहले कुछ खास उत्पादों और विक्रेताओं तक ही सीमित थी। इसके तहत ऋण चुकाने की अवधि तीन महीने से 9 महीने तक होगी। उन्होंने कहा कि ग्राहक 5000 रुपए से अधिक के इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स को खरीदकर उसका भुगतान तीन, छह या नौ ईएमआई में कर सकता है। इसके लिए फ्लिपकार्ट कोई भी अतिरिक्त शुल्क, ब्याज नहीं लेगी और न ही ग्राहकों को डाउन पेमेंट करने के लिए कहेगी।
फ्लिपकार्ट के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट (प्रोडक्ट) सुरोजीत चटर्जी ने कहा कि हमारे एक सर्वे के मुताबिक ग्राहक आवश्यक चीजों के लिए समय के साथ अधिक भुगतान करने के इच्छुक हैं। लेकिन फ्लिपकार्ट के मामले में यह कोई ऋण नहीं है, क्योंकि यहां कोई शुल्क या ब्याज नहीं लिया जा रहा है। अभी नो कॉस्ट ईएमआई को लॉन्च किए हुए तीन हफ्ते हुए हैं और हमने देखा है कि ग्राहकों ने इसकी मदद से अपनी खरीदारी को बढ़ाया है। फ्लिपकार्ट ने अपने बिजनेस में सुधार करने, सेल्स ग्रोथ को बढ़ाने और अमेजन से अपनी बाजार हिस्सेदारी वापस हासिल करने के लिए यह नई योजना शुरू की है। ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए ऊंची कीमत वाले उत्पादों जैसे टीवी, फ्रिज और वॉशिंग मशीन की बिक्री बढ़ाना बहुत ही महत्वपूर्ण है।