नई दिल्ली। नई पीढ़ी की कंपनियां यानी स्टार्टअप्स अबतक रोजगार चाहने वालों की पसंदीदा रहे हैं, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि फ्लिपकार्ट की घटना के बाद प्रबंधन व प्रौद्योगिकी स्नातक हो सकता है कि सुरक्षित कंपनियों में नौकरी को वरीयता दें।
उल्लेखनीय है कि प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट ने हाल ही में IIM अहमदाबाद व IIT से कैंपस नियुक्तियों के लिए काम पर आने की तारीखों को टाल दिया। कंपनी ने कहा कि वह अपने परिचालन का पुनर्गठन कर रही है। इसको लेकर कॉलेजों व उद्योग में कंपनी की खूब आलोचना हुई। रिपोर्टों का कहना है कि ई-कॉमर्स व सम्बद्ध क्षेत्रों से जुड़ी फ्लिपकार्ट केवल एक ही कंपनी नहीं है, जिसने कैंपस भर्तियों में ज्वाइनिंग तारीखों को टाल दिया। इस तरह का कदम उठाने वाली कंपनियों में इनमोबी, कारदेखो व होप्सकोच शामिल हैं।
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उद्योग व मानव संसाधन विशेषज्ञों का कहना है कि इस घटना से सम्बद्ध शिक्षण संस्थानों की साख व सफलता भी दबाव में आ जाएगी क्योंकि इससे उनका नियोजन (प्लेसमेंट) रिकॉर्ड भी खराब होगा। वहीं स्टार्टअप्स को भरोसा है कि यह संकट का दौर समाप्त होगा और उनका आकर्षण बहाल होगा। ई-कॉमर्स फर्म जोपर के सीईओ नीरज जैन ने कहा, निसंदेह रूप से इससे स्टार्टअप का आकर्षण प्रभावित होगा। हालांकि प्रत्येक उद्योग इस दौर से गुजरता है- उत्साह के बाद शांति का माहौल व उसके बाद हालात स्थिर होंगे। उनमें स्थिरता के बाद स्टार्टअप आकर्षक हो जाएंगे।
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