बेंगलुरु। वॉलमार्ट के स्वामित्व वाली फ्लिपकार्ट और अमेज़न ने कर्नाटक उच्च न्यायालय की डिविजन बेंच के समक्ष सीसीआई जांच फिर से शुरू करने के आदेश के खिलाफ अपील दायर की है। इससे पहले कर्नाटक उच्च न्यायलय ने प्रतिस्पर्धा कानूनों के प्रावधानों के कथित उल्लंघन के भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के जांच आदेश को रद्द करने की अमेजन और फ्लिपकार्ट की याचिका खारिज कर दी थी। सीसीआई ने प्रतिस्पर्धा कानूनों के प्रावधानों के कथित उल्लंघन को लेकर दोनों प्रमुख ई-वाणिज्य कंपनियों के जांच के निर्देश दिए थे।
फ्लिपकार्ट और अमेजन ने इस मामले में डिविजन बेंच के समक्ष अलग-अलग अपील दायर की है। अपनी अपील में फ्लिपकार्ट इंटरनेट ने 11 जून के न्यायालय के आदेश को दरकिनार करने का आग्रह किया है, जिसे एकल न्यायधीश ने दिया था। उसने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के 13 जनवरी 2020 को जारी आदेश को भी दरकिनार करने का अनुरोध किया है।
फ्लिपकार्ट ने अपने अपील में कहा, ‘‘यह देखते हुये कि सीसीआई के आदेश पर 16 महीने से रोक लगी थी ऐसे में आगे भी यह रोक जारी रहती है तो कोई पूर्वाग्रह नहीं होगा। यदि जांच वर्तमान अपील के लंबित रहते हुये भी जारी रहती है तो अपूरणीय क्षति होगी क्योंकि यह वर्तमान अपील को निष्फल कर देगा।‘‘ गौरतलब है कि सीसीआई ने जनवरी 2020 में भारी छूट देने और कुछ कंपनियों के साथ तरजीही गठजोड़ कर सामान बेचने समेत अन्य कथित अनैतिक व्यापारिक गतिविधियों को अपनाने के लिए फ्लिपकार्ट और अमेजन के खिलाफ जांच के आदेश दिए थे। इस आदेश में कर्नाटक उच्च न्यायालय की एकल सदस्यीय पीठ के समक्ष चुनौती दी गई।
एक सदस्यीय पीठ ने 11 जून 2021 को याचिका को खारिज कर दिया और सीसीआई को जांच जारी रखने का आदेश दिया। इस आदेश के बाद कंपनियां जांच आदेश को निरस्त कराने के लिये उच्च न्यायालय पहुंची थी। हालांकि, कर्नाटक उच्च न्यायालय ने 14 फरवरी 2020 को सीसीआई के जांच आदेश में अंतरिम स्थगन दे दिया था लेकिन उसके बाद सीसीआई उच्चतम न्यायालय पहुंचा जहां शीर्ष अदालत ने 26 अक्टूबर 2020 को उसे वापस उच्च न्यायालय जाने को कहा।