नई दिल्ली। उद्योग निकाय सीओएआई ने मंगलवार को कहा कि दूरसंचार उद्योग में ‘‘बड़े वित्तीय दबाव’’ को देखते हुए न्यूनतम मूल्य तय करना बेहद जरूरी और समय की आवश्यकता है। सीओएआई के सदस्यों में भारती एयरटेल, रिलायंस जियो और वोडाफोन आइडिया शामिल हैं। भारतीय सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन (सीओएआई) ने कहा कि सिर्फ डेटा की न्यूनतम कीमतें केवल दो साल की अंतरिम अवधि के लिए तय की जानी चाहिए, और वॉयस कॉल तथा टैरिफ को इससे बाहर रखा जा सकता है।
सीओएआई के महानिदेशक एस पी कोचर ने एक बयान में कहा, ‘‘पिछले कुछ वर्षों में न्यूनतम कीमतों का निर्धारण एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है और आज दूरसंचार उद्योग बड़े वित्तीय दबाव से गुजर रहा है।’’ सीओएआई ने तर्क दिया कि महामारी के दौरान सामने आने वाली वित्तीय बाधाओं के बावजूद दूरसंचार सेवाप्रदाताओं ने महत्वपूर्ण निवेश करना और भारतीयों को निर्बाध नेटवर्क संपर्क मुहैया करना जारी रखा। कोचर ने कहा कि यह समझना महत्वपूर्ण है कि डेटा टैरिफ की कीमतों में गिरावट के कारण दूरसंचार कंपनियों को नुकसान हुआ है। आय अर्जित करना अब उनके वित्तीय स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए जरूरी है। सीओएआई ने कहा कि उसने न्यूनतम मूल्य निर्धारित करने के लिए लगातार अनुरोध किया है, और बताया कि भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने भी इस मुद्दे पर सीओएआई के साथ विचार-विमर्श किया था।