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5 कंपनियों ने अप्रैल-जुलाई में NCD से जुटाए 882 करोड़ रुपए, अपग्रेड अपने कारोबार को 2025 तक 10,000 करोड़ रुपए करेगी

एनसीडी ऋण से जुड़े बांड होते हैं, जिन्हें शेयरों में नहीं बदला जा सकता। इनपर परिवर्तनीय डिबेंचरों की तुलना में ब्याज दर ऊंची होती है।

Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: August 31, 2020 14:26 IST
Five companies garner Rs 882 cr via NCDs in April-July- India TV Paisa
Photo:DNA INDIA

Five companies garner Rs 882 cr via NCDs in April-July

नई दिल्ली। पांच कंपनियों ने चालू वित्त वर्ष के पहले चार माह (अप्रैल-जुलाई) में गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर (एनसीडी) के खुदरा निर्गम के जरिये 882 करोड़ रुपए की राशि जुटाई है। इन कंपनियों ने अपने बही-खातों को मजबूत करने के लिए एनसीडी के जरिये धन जुटाया है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के आंकड़ों के अनुसार 2019-20 की अप्रैल-जुलाई की अवधि में कंपनियों ने एनसीडी के जरिये 4,177 करोड़ रुपए जुटाए थे।

बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि कंपनियों ने यह राशि कोविड-19 की वजह से प्रभावित अपने बही-खातों को मजबूत करने, कर्ज का भुगतान करने और अपनी कार्यशील पूंजी की जरूरतों को पूरा करने के लिए जुटाई है। आंकड़ों के अनुसार पांच कंपनियों मुथूटु मिनी फाइनेंसर्स और मुथूट फिनकॉर्प, कोसमट्टम फाइनेंस, केएलएम एक्सिवा फिनवेस्ट तथा शक्ति फाइनेंस ने 13 जुलाई तक एनसीडी के खुदरा निर्गम के जरिये कुल 882 करोड़ रुपए की राशि जुटाई है। एनसीडी ऋण से जुड़े बांड होते हैं, जिन्हें शेयरों में नहीं बदला जा सकता। इनपर परिवर्तनीय डिबेंचरों की तुलना में ब्याज दर ऊंची होती है।

अपग्रेड का अपने कारोबार को 2025 तक 10,000 करोड़ रुपए पर पहुंचाने का लक्ष्य

एजुटेक कंपनी अपग्रेड का अगले पांच साल में अपने कारोबार को आठ गुना बढ़ोतरी के साथ 10,000 करोड़ रुपए पर पहुंचाने का लक्ष्य है। कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने सोमवार को कहा कि देश में पेशेवरों के बीच ऑनलाइन उच्च शिक्षा लगातार लोकप्रियता हासिल कर रही है। इसके चलते कंपनी को अपने कारोबार में जोरदार वृद्धि का भरोसा है।

अपग्रेड के सह-संस्थापक एवं चेयरमैन रोनी स्क्रूवाला ने कहा कि कंपनी को चालू वित्त वर्ष में 300 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी की वजह से ऑनलाइन शिक्षा की मांग में जोरदार इजाफा हुआ है। स्क्रूवाला ने कहा कि हमारा लक्ष्य वित्त वर्ष 2024-25 तक कामकाजी पेशेवरों के साथ लाइफलॉन्गलर्निंग तथा डिग्री कार्यक्रमों के जरिये अपने मूल कारोबार को 7,000 करोड़ रुपए पर पहुंचाने का है।

कंपनी को चालू वित्त वर्ष में अपना कारोबार करीब 1,200 करोड़ रुपए रहने की उम्मीद है। रेडसीर मैनेजमेंट कंसल्टिंग के अनुसार 2024-25 ऑनलाइन उच्च शिक्षा तथा लाइफलॉन्ग लर्निंग कारोबार का आकार बढ़कर 3,600 करोड़ रुपए पर पहुंच जाएगा। 2019-20 में यह 365 करोड़ रुपए था। इस तरह इसमें दस गुना की वृद्धि होगी। 

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