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Bad Loans: 5 सरकारी बैंकों में NPA की सीमा चिंताजनक, वित्‍त मंत्रालय ने दिए विशेष कदम उठाने के निर्देश

वित्‍त मंत्रालय ने पांच ऐसे सरकारी बैंकों की पहचान की है, जिन्‍हें अपने नॉन परफॉर्मिंग असेट (NPA) को कम करने के लिए विशेष ध्‍यान देने की जरूरत है।

Abhishek Shrivastava
Published on: November 24, 2015 16:23 IST
Bad Loans: 5 सरकारी बैंकों में NPA की सीमा चिंताजनक, वित्‍त मंत्रालय ने दिए विशेष कदम उठाने के निर्देश- India TV Paisa
Bad Loans: 5 सरकारी बैंकों में NPA की सीमा चिंताजनक, वित्‍त मंत्रालय ने दिए विशेष कदम उठाने के निर्देश

नई दिल्‍ली। वित्‍त मंत्रालय ने पांच ऐसे सरकारी बैंकों की पहचान की है, जिन्‍हें अपने नॉन परफॉर्मिंग असेट (NPA) को कम करने के लिए विशेष ध्‍यान देने की जरूरत है। इन पांच बैंकों में बैंक ऑफ इंडिया, आईडीबीआई, इंडियन ओवरसीज बैंक, बैंक ऑफ महाराष्‍ट्र और यूको बैंक शामिल हैं। वित्‍त मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि इन बैंकों को रिकवरी पर विशेष ध्‍यान देने की जरूरत है और इसके लिए मंत्रालय ने इस बैंकों के साथ बैठक कर बढ़ते एनपीए को रोकने के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर चर्चा की है।

वित्‍त मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, बैंक ऑफ इंडिया का ग्रॉस एनपीए सितंबर 2014 के 15,767 करोड़ रुपए से बढ़कर सितंबर 2015 में 29,894 करोड़ रुपए हो गया है। वहीं दूसरी ओर देश के सबसे बड़े सार्वजनिक बैंक भारतीय स्‍टेट बैंक का ग्रॉस एनपीए अभी भी सबसे ज्‍यादा बना हुआ है। सितंबर 2015 तिमाही में इसका ग्रॉस एनपीए 56,834 करोड़ रुपए है, हालांकि इसमें सितंबर 2014 की तुलना में 3,878 करोड़ रुपए की कमी आई है।

इंडियन ओवरसीज बैंक, जो कि वर्तमान में भारतीय रिजर्व बैंक के ‘शीघ्र सुधारात्‍मक कार्रवाई’ के तहत है, का ग्रॉस एनपीए 6,090 करोड़ रुपए से बढ़कर सितंबर 2015 में 19,424 करोड़ रुपए पर पहुंच गया है। शीघ्र सुधारात्‍मक कार्रवई की प्रक्रिया तब शुरू की जाती है, जब आरबीआई को लगता है कि बैंक का पूंजी आधार खत्‍म हो रहा है।

आईडीबीआई बैंक का, जिसमें सरकार अपनी हिस्‍सेदारी घटाकर 49 फीसदी करने पर विचार कर रही है, ग्रॉस एनपीए सितंबर 2015 में 14,758 करोड़ रुपए है। सोमवार को वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों से कहा है कि वह अपनी बैलेंस शीट को एनपीए से स्‍वच्‍छ करें और सरकार सही नीति व कदम उठाकर उनकी मदद करने की इच्‍छुक है। वित्‍त मंत्री ने सोमवार को सरकारी बैंकों की दूसरी तिमाही के प्रदर्शन की समीक्षा भी की। सितंबर 2015 तिमाही में सार्वजनिक बैंकों का ग्रॉस एनपीए सालाना आधार पर 25.19 फीसदी बढ़कर 3.14 लाख करोड़ रुपए हो गया है, जो कुल कर्ज का 5.64 फीसदी है। वित्‍त मंत्री ने एनपीए के इस स्‍तर को अस्‍वीकार्य बताया है।

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