नई दिल्ली। फिच रेटिंग्स ने शुक्रवार को कहा कि उसने भारत के वृद्धि अनुमानों को घटाकर दो प्रतिशत कर दिया है। यह 30 साल का न्यूनतम स्तर होगा। पहले उसने अनुमान घटाकर 5.1 प्रतिशत किया था। कोविड-19 महामारी के चलते किए गए लॉकडाउन के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था मंदी की चपेट में आ गई है, जिसके असर से भारत भी अछूता नहीं है। फिच रेटिंग्स ने एक बयान में कहा कि फिच को इस साल वैश्विक मंदी की आशंका है और मार्च 2021 में खत्म हो रहे वित्त वर्ष में भारत की वृद्धि दर के अनुमानों को घटाकर दो प्रतिशत कर दिया गया है।
इससे पहले फिच ने भारत के वृद्धि अनुमानों को घटाकर 5.1 प्रतिशत कर दिया था, जिसे अब और घटा दिया गया है। राष्ट्रीय लोक वित्त संस्थान संस्थान के प्राध्यापक एन आर भानुमूर्ति ने कहा कि मौजूदा बंद से भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति और खराब होगी। उन्होंने कहा कि आर्थिक सुधारों के बाद से भारतीय अर्थव्यवस्था सबसे कम वृद्धि हासिल कर सकती है।