नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक मार्च, 2021 तक नीतिगत ब्याज दरों में 0.75 प्रतिशत की और कटौती कर सकता है। फिच साल्यूशंस ने मंगलवार को यह अनुमान व्यक्त किया। फिच सॉल्यूशंस का मानना है कि केंद्रीय बैंक ने अब तक मौद्रिक रुख को नरम करने के लिए जो कदम उठाए हैं, वे कोविड-19 महामारी झेल रही अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए पर्याप्त नहीं हैं। फिच सॉल्यूशंस ने कहा कि रिजर्व बैंक ने अब तक मौद्रिक रुख में नरमी के लिए काफी आक्रामक उपाय किए हैं। ऐसे में हमने मार्च, 2021 तक नीतिगत दरों में कटौती के लिए अपना अनुमान बढ़ाकर 0.75 प्रतिशत कर दिया है। इसका मतलब है कि उस समय रेपो दर 3.65 प्रतिशत पर और रिवर्स रेपो दर 3 प्रतिशत पर रहेगी।
रिजर्व बैंक ने 17 अप्रैल को अर्थव्यवस्था में नकदी का प्रवाह बढ़ाने के लिए कई उपायों की घोषणा की थी। इसके तहत रिवर्स रेपो दर को 0.25 प्रतिशत घटाकर 3.75 प्रतिशत किया गया था। बैंक अपना जो अधिशेष कोष रिजर्व बैंक के पास रखते हैं, उस पर मिलने वाला ब्याज रिवर्स रेपो दर कहलाता है। अभी मुख्य नीतिगत दर यानी रेपो दर 4.40 प्रतिशत पर है।
फिच सॉल्यूशंस ने नोट में कहा कि हमारा मानना है कि मौजूदा मौद्रिक उपाय कोविड-19 का झटका झेल रही अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए अपर्याप्त हैं। महंगाई दर का दबाव कम होने से रिजर्व बैंक के पास मौद्रिक रुख को नरम करने की और गुंजाइश होगी।