नई दिल्ली। फिच रेटिंग्स (Fitch Ratings) ने शुक्रवार को वित्त वर्ष 2019-20 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान पूर्व के पांच प्रतिशत से घटाकर 4.6 प्रतिशत कर दिया है। फिच ने अपने अनुमान में यह कटौती व्यापार और उपभोक्ता विश्वास में गिरावट आने की वजह से की है। फिच ने भारत की दीर्घावधि विदेशी मु्द्रा इश्यूर डिफॉल्ट रेटिंग (आईडीआर) को स्थिर दृष्टिकोण के साथ बीबीबी- पर रखा है।
फिच ने अपने बयान में कहा है कि आसान मौद्रिक और राजकोषीय नीति एवं संरचनात्मक उपायों की मदद से वित्त वर्ष 2020-21 में भारत की वृद्धि दर रिकवर होकर 5.6 प्रतिशत और इसके अगले वित्त वर्ष में 6.5 प्रतिशत रहेगी।
रेटिंग एजेंसी की राय में मौद्रिक एवं राजकोषीय नीतियों में ढील तथा अवसंरचनात्मक उपायों से वृद्धि दर में क्रमिक सुधार होगा। एजेंसी ने कहा कि फर्मों एवं उपभोक्ताओं का आत्मविश्वास गिरने और मुख्यत: गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के पास कर्ज के लिए धन के संकट जैसे घरेलू कारकों के प्रभाव में पिछली कुछ तिमाहियों में वृद्धि दर में काफी गिरावट आई है, लेकिन इसके बाद भी हमने देश की आर्थिक वृद्धि दर का परिदृश्य ठोस रखा है।
बीबीबी श्रेणी के अन्य देशों की तुलना में भारत की मध्यावधिक वृद्धि का परिदृश्य अब भी ज्यादा मजबूत है। इसका एक बड़ा करण यह है कि सार्वजनिक ऋण का स्तर ऊंचा होने, वित्तीय क्षेत्र की कमजोरियों तथा राजकाज और प्रति व्यक्ति जीडीपी समेत कुछ बुनियादी बातों में कमी के सूचकांकों व प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) समेत कुछ संरचनात्मक बातों में पीछे रहने के बाद भी विदेशी मुद्रा के मजबूत भंडार के कारण बाह्य जोखिमों से जूझने की भारत की क्षमता ज्यादा है।