नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि अगले वित्त वर्ष में राजकोषीय स्थिति संतोषजनक रहने की उम्मीद है और मौजूदा स्थिति को देखते हुए राजकोषीय घाटा लक्ष्य से ऊपर निकलने की किसी तरह की कोई चिंता नहीं दिखाई पड़ती। वित्त मंत्री ने विश्व बाजार में कच्चे तेल के बढ़ते दाम को लेकर तुरंत किसी तरह की चिंता को भी खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि अटकलबाजी को लेकर किसी तरह का कोई आकलन नहीं किया जाना चाहिए। इस मामले में यदि पिछले तीन दिन में कच्चे तेल के दाम का रुख देखा जाए तो यह बिल्कुल उल्टा रहा है। कच्चे तेल के दाम चढ़ने के बाद गिरे हैं।
उन्होंने कहा कि इस समय जो स्थिति है उसे देखते हुए अगले वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा बढ़ने की आशंका नहीं दिखाई देती है। बजट के बाद रिजर्व बैंक निदेशक मंडल के साथ होने वाली परंपरागत बैठक को संबोधित करने के बाद आयोजित संवाददाता सम्मेलन में जेटली ने कहा कि मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की पिछली बैठक में दरों को अपरिवर्तित रखने का जो निर्णय लिया गया वह संतुलित निर्णय था।
जेटली ने कहा कि जहां तक वित्तीय स्थिति की बात है, मुझे लगता है कि राजस्व के लिहाज से अगला वित्त वर्ष संतोषजनक रहेगा। इस समय की स्थिति के अनुसार मुझे अगले वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा बढ़ने की समस्या नहीं दिखाई देती। जेटली ने इससे पहले पूंजी बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) निदेशक मंडल के साथ भी बैठक की। उन्होंने कहा कि पूंजी बाजार नियामक ने जो प्रस्तुतीकरण बैठक में दिया, उसे देखते हुए यह लगता है कि पूंजी जुटाने की जहां तक बात है कॉरपोरेट बांड को लेकर भरोसा बढ़ा है।