नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने आज कहा है कि वह चालू वित्त वर्ष में विकास खर्च और व्यय से समझौता किए बगैर राजकोषीय स्थिति ठोस बनाने की अपनी योजना पर कायम रहेगी। वित्त मंत्रालय ने यहां एक बयान जारी कर कहा है कि सरकार राजकोषीय स्थिति सुदृढ करने के लक्ष्यों से समझौता किए बगैर सालाना बजट में निर्धारित कोषों के उचित एवं प्रभावी उपयोग सुनिश्चित कर समावेशी एवं सतत विकास को मजबूत करने और उसे बढ़ावा देने के प्रति प्रतिबद्ध है।
वित्त वर्ष 2015-16 के लिए निर्धारित सूझबूझ भरी नीतियों से इस वर्ष नवंबर के अंत तक राजकोषीय घाटा 4.83 लाख करोड़ रुपए या चालू वित्त वर्ष के बजट अनुमान के 87 फीसदी तक सीमित रहा है। बयान में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष के बजट में राजकोषीय घाटा, जो आय और व्यय के बीच का अंतर होता है, 5.35 लाख करोड़ रुपए (सकल घरेलू उत्पाद का 3.9 फीसदी) रहने का अनुमान लगाया गया है। राजकोषीय स्थिति में इससे पिछले वर्ष की तुलना में सुधार आया है, क्योंकि पिछले वित्त वर्ष की इस अवधि में राजकोषीय घाटा 2014-15 के बजट अनुमान के 98.9 फीसदी तक पहुंच गया था।
इसी तरह राजस्व घाटा नवंबर 2015 तक 2,64,404 करोड़ रुपए रहा, जो नवंबर 2014 के मुकाबले 20 फीसदी या 65,087 करोड़ रुपए कम है। चालू वर्ष के बजट में योजना गत व्यय 1,35,257 करोड़ रुपए निर्धारित किया गया था। उसमें नवंबर तक 97,788 करोड़ रुपए यानी 72 फीसदी व्यय हो चुका है। पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में केवल 52 फीसदी योजना व्यय हुआ था।