Sunday, November 03, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. Budget History : पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री ने पढ़ा था भारत का बजट! चौंका देगी ये कहानी

Budget History : पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री ने पढ़ा था भारत का बजट! चौंका देगी ये कहानी

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: January 31, 2021 12:35 IST
पाकिस्‍तान के...- India TV Paisa

पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री ने पढ़ा भारत का बजट! चौंका देगी ये कहानी

नई दिल्‍ली। क्‍या आपको पता है कि एक पाकिस्‍तानी प्रधानमंत्री भी भारत का आम बजट पेश कर चुका है? दिलचस्‍प है न ये बात? आपको बता दें कि ये शख्‍स थे, पाकिस्‍तान के पहले प्रधानमंत्री लियाकत अली। जिन्‍होंने आजादी से पहले जवाहरलाल नेहरू की अंतरिम सरकार में बजट पेश किया था। दरअसल लियाकत अली खान तब पंडित जवाहर लाल नेहरु के प्रधानमंत्रित्व में गठित अंतरिम सरकार में वित्त मंत्री थे। 

लियाकत अली ने 2 फरवरी, 1946 को उस समय के लेजिस्लेटिव असेंबली भवन (आज के संसद भवन) में पेश किया था। वे आल इंडिया मुस्लिम लीग के भी शीर्ष नेता थे और पाकिस्‍तान की स्‍थापना में उनका अहम योगदान रहा। पाकिस्‍तान की आजादी के बाद उन्‍हें वहां का पहला प्रधानमंत्री बनाया गया। आजादी से पूर्व जब अंतरिम सरकार का गठन हुआ तो मुस्लिम लीग ने उन्हें अपने नुमाइंदे के रूप में भेजा। उन्हें पंडित नेहरु ने वित्त मंत्रालय सौंपा। 

लियाकत अली ख़ान मोहम्मद अली जिन्ना के क़रीबी माने जाते थे। लियाकत अली खान देश के बंटवारे के बाद पाकिस्तान के पहले प्रधानमत्री बने। वे देश के बंटवारे से पहले मेरठ और मुजफ्फरनगर से यूपी एसेंबली के लिए चुनाव भी लड़ते थे।

लियाकत के बजट को पुअर मैन बजट नाम दिया गया। उन्‍होंने अपने बजट प्रस्तावों को ‘सोशलिस्ट बजट’ बताया था। लेकिन, उन्‍हें बजट को लेकर उद्योगजगत की आलोचना सहनी पड़ी थी। लियाकत अली खान पर आरोप लगा कि उन्होंने कर प्रस्ताव बहुत ही कठोर रखे जिससे उनके हितों को चोट पहुंची। लियाकत अली पर ये भी आरोप लगे कि वे अंतरिम सरकार में हिन्दू मंत्रियों के खर्चो और प्रस्तावों को हरी झंडी दिखाने में खासा वक्त लेते हैं। सरदार पटेल ने तो यहां तक कहा था कि वे लियाकत अली खान की अनुमति के बगैर एक चपरासी की भी नियुक्त नहीं कर सकते। 

लियाकत अली खान के बचाव में भी बहुत से लोग आगे आए थे। उनका तर्क था कि वे हिन्दू विरोधी नहीं हो सकते क्योंकि उनकी पत्नी गुल-ए-राना मूलत: हिन्दू परिवार से ही थीं। ये बात दीगर है कि उनका परिवार एक अरसा पहले ईसाई हो गया था। देश के विभाजन और मोहम्मद अली जिन्ना की मृत्यु के बाद लियाकत अली खान पाकिस्तान के निर्विवाद रूप से सबसे बड़े नेता के रूप में उभरे और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बन गए। उनकी 1951 में रावलपिंडी में एक सभा को संबोधित करने के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। महत्वपूर्ण है कि जिस मैदान में खान की हत्या हुई थी उसी मैदान में दशकों बाद बेनजीर भुट्टो की भी हत्या हुई।

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement