नई दिल्ली। मारुति सुजुकी की पैरेंट कंपी सुजुकी द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण के लिए टोयोटा के साथ गठबंधन की घोषणा करने के बाद कुछ दिनों से कंपनी समाचारों में छाई हुई है। भारत की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी ने आज है कि देश में पर्यावरण अनुकूल मोबिलिटी समाधानों पर जोर दिया जा रहा है। इसके मद्देनजर कंपनी की 2020 तक भारत में पहला इलेक्ट्रिक व्हीकल पेश करने की योजना है और वह इस यात्रा की तैयारी में ग्राहकों की राय जानने के लिए अध्ययन करवाएगी।
यह अध्ययन अगले साल जनवरी में शुरू होगा और लगभग 6 हफ्ते तक चलेगा। कंपनी ने कहा कि इलेक्ट्रिक व्हीकल की दिशा में कोई भी कदम आगे बढ़ाने से पहले कंपनी इस अध्ययन के परिणामों पर गहनता से विचार करेगी।
इसके अलावा कंपनी ने कहा है कि इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को वहनीय बनाने के लिए सरकारी प्रोत्साहनों की जरूरत होगी। मारुति सुजुकी इंडिया के चेयरमैन आर सी भार्गव ने कहा कि वहनीयता एक प्रमुख चुनौती है जिसका सामना ईवी को करना होगा। ऐसे वाहनों की सफलता के लिए जरूरी है कि बैटरियों व अन्य कलपुर्जों का विनिर्माण भारत में ही करने पर ध्यान केंद्रित किया जाए ताकि उनकी लागत कम हो।
क्या देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए सरकारी प्रोत्साहन की जरूरत होगी यह पूछे जाने पर भार्गव ने संवाददाताओं से कहा, ‘मेरी राय में इसकी जरूरत होगी, मेरी सोच तो यही कहती है कि कुछ हस्तक्षेप की जरूरत पड़ेगी लेकिन पता नहीं यह कितना होगा।’ उन्होंने कहा कि चूंकि भारतीय वाहन उद्योग के लिए इलेक्ट्रिक वाहन नई चीज है इसलिए यह कहना मुश्किल है कि कितनी सरकारी मदद की जरूरत होगी।