नई दिल्ली। फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (FIPB) ने बुधवार को छह FDI (विदेशी प्रत्यक्ष निवेश) प्रस्तावों को अपनी मंजूरी दी है। इन छह प्रस्तावों के जरिये देश में 1810 करोड़ रुपए का विदेशी निवेश होगा। 30 अक्टूबर 2015 को एफआईपीबी ने अपनी बैठक में इन प्रस्तावों को मंजूरी देने की सिफारिश की थी। इस सिफारिश के बाद ही केंद्र सरकार ने 1810 करोड़ रुपए निवेश वाले इन छह प्रस्तावों को आज अपनी मंजूरी दी है।
वित्त मंत्रालय ने बुधवार को बयान जारी कहा कि देश में विदेशी निवेश को बढ़ाने के लिए सरकार ने हाल ही में 15 नए सेक्टर्स में निवेश के नियमों को आसान बनाया है। इसके साथ ही निवेश प्रस्तावों को मंजूरी देने के लिए एफआईपीबी की शक्तियां भी बढ़ाई हैं। हालांकि, एफआईपीबी ने अपनी बैठक में फॉक्सवैगन फाइनेंस द्वारा ट्रेजरी बिल, सरकारी प्रतिभूतियों, म्यूचुअल फंड और कॉरपोरेट डेट में निवेश वाले प्रस्ताव को निरस्त कर दिया है।
एफआईपीबी ने नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी आईआईएफएल होल्डिंग्स के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इसने विदेशी निवेश की सीमा मौजूदा 50.16 फीसदी से बढ़ाकर 80 फीसदी करने का प्रस्ताव दिया था। कंपनी विदेशी संस्थागत निवेशकों को शेयर जारी कर निवेश हासिल करेगी। इसके जरिये कंपनी 1800 करोड़ रुपए का विदेशी निवेश हासिल करेगी। इसी प्रकार, एफआईपीबी ने एजाइल इलेक्ट्रिक सब असेंबली, शेयरखान लिमिटेड और सीक्वेंट साइंटीफिक के प्रस्तावों को भी अपनी मंजूरी दी है। हालांकि, इन प्रस्तावों में कोई भी विदेशी निवेश नहीं होगा, बल्कि इनको बिजनेस रिस्ट्रक्चरिंग की अनुमति दी गई है। अमेरिका की मानसून कैपिटल फॉर इन्वेस्टमेंट अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (एआईएफ) के प्रस्ताव को भी स्वीकृति दी गई है, इससे 10 करोड़ रुपए मूल्य की विदेशी राशि देश में आएगी। इसके अलावा सेरप इंडिया के प्रस्ताव को भी हरी झंडी दी गई है, जिसमें 25 लाख रुपए मूल्य का विदेशी निवेश प्रस्तावित है।