नई दिल्ली। राजस्व विभाग द्वारा जारी निर्देशों के खिलाफ कुछ टैक्स अधिकारियों द्वारा प्रस्ताव पारित करने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए वित्त मंत्रालय ने इसे अवग्या करार दिया। मंत्रालय ने इसके साथ ही इस पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी भी दी है। मंत्रालय ने कहा कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संगठित समूह ए सेवा के अधिकारियों के सरकार को यह सलाह देने कि उसे क्या भूमिका निभानी चाहिए के प्रस्ताव पर कड़ा रुख अख्तियार किया है। यह अवग्या का मामला है। इस तरह की अनुशासनहीनता में शामिल अधिकारियों पर आचरण संबंधी नियमों की अवहलेना का मामला बनता है।
उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह मुंबई में कर विभाग के कुछ अधिकारी एकत्रित हुए थे। इनमें कुछ आला दर्जे के अधिकारी भी थे। रिपोर्ट के अनुसार इन अधिकारियों का कहना है कि राजस्व विभाग परिचालन संबंधी मामलों में हस्तक्षेप कर रहा है जिससे आयकर विभाग के अधिकारियों के मनोबल पर असर पड़ता है। उनके द्वारा जारी प्रस्ताव में कहा गया था कि राजस्व विभाग केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) की स्वायत्तता में दखल दे रहा है।
मंत्रालय ने कहा कि उसे मीडिया की रिपोर्ट से भारतीय राजस्व सेवा (आयकर) मुंबई शाखा के कुछ अधिकारियों द्वारा राजस्व विभाग के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने की जानकारी मिली है। मंत्रालय ने कहा कि सरकार के किसी भी विभाग को संपूर्ण स्वायत्तता नहीं दी गई है। उसे सरकार के लक्ष्यों के लिए काम करना होता है। यह सुनिश्चित किया जाता है कि सरकार में कोई भी अधिकारों का दुरुपयोग न कर पाए।
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