नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय वर्ष 2021-22 के लिए बजट बनाने की प्रक्रिया 16 अक्टूबर से शुरू करेगा। गुरुवार को जारी अधिसूचना में यह जानकारी दी गई है। नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का यह तीसरा बजट होगा। बजट में कोविड-19 संकट के कारण आर्थिक वृद्धि में गिरावट और राजस्व संग्रह में कमी जैसे मसलों से निपटने के उपाय करने होंगे।
आर्थिक मामलों के विभाग के बजट इकाई के बजट परिपत्र (2021-22) के अनुसार बजट पूर्व/संशोधित अनुमान (आरई) को लेकर बैठकें 16 अक्टूबर, 2020 से शुरू होंगी। परिपत्र में कहा गया है कि सभी वित्तीय सलाहकारों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि परिशिष्ट एक से सात में शामिल इन बैठकों से संबंधित सभी जरूरी ब्योरा यूबीआईएस (केंद्रीय बजट सूचना प्रणाली) के आरई मोड्यूल में शामिल किया जाए।
वित्त वर्ष 2021-22 के लिए बजट अनुमान को व्यय सचिव के अन्य सचिवों और वित्तीय सलाहकारों के साथ चर्चा पूरी होने के बाद अंतिम रूप दिया जाएगा। बजट पूर्व बैठक 16 अक्टूबर से शुरू होगी और नवंबर के पहले सप्ताह तक जारी रहेंगी। बैठकों में केंद्रीय क्षेत्र और केंद्रीय समर्थित योजनाओं सहित सभी श्रेणियों के खर्च की सीमा पर भी विचार किया जाएगा।
2021-22 के लिए बजट 1 फरवरी को पेश किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने ब्रिटिश काल की परंपरा को खत्म कर दिया है। पहले बजट फरवरी के अंत में पेश किया जाता था। पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पहली बार वार्षिक बजट एक फरवरी, 2017 को पेश किया था।
बजट एक फरवरी को पेश करने से सभी मंत्रालयों को अब उनके बजट का आंबटन अप्रैल से शुरू होने वाले वित्तीय वर्ष की शुरुआत में ही कर दिया जाता है। इससे सरकारी विभागों को खर्च करने के लिए अधिक समय मिलता है।
पूर्व में जब बजट फरवरी के अंत में पेश किया जाता था, तब तीन स्तरीय संसदीय मंजूरी प्रक्रिया मई मध्य तक पूरी हो पाती थी। इससे सरकारी विभागों को खर्च के लिए राशि अगस्त अंत या सितंबर में मिल पाती थी।