नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय ने आम बजट-2021 पेश होने के तीन दिन बाद कहा है कि वह कोरोना वायरस महामारी की वजह से लगाए गए लॉकडाउन की वजह से चालू वित्त वर्ष में भारत में फंसे एनआरआई और विदेशी नागरिकों के रेजिडेंसी स्टेट्स पर स्पष्टता प्रदान करने के लिए एक सर्कुलर जारी करेगा। 31 मार्च, 2020 को समाप्त वित्त वर्ष के लिए, मंत्रालय ने पिछले साल मई में, यह स्पष्ट किया था कि लॉकडाउन अवधि के दौरान भारत में रहने वाले एनआरआई और विदेशी नागरिकों की रुकने की अवधि को कराधान उद्देश्य के लिए उनके रेजिडेंसी स्टेट्स के तौर पर नहीं माना जाएगा।
लॉकडाउन और उसके बाद भारत में फंसे विदेशी नागरिकों को आयकर कानून से राहत मिल सकती है। NRIs के लिए टैक्स रेजिडेंसी रूल्स को लेकर राहत इंटरनेशनल फ्लाइट्स पूरी तरह से सामान्य होने के बाद दी जा सकती है। दरअसल आयकर कानून के मुताबिक 120 दिन या इससे ज्यादा भारत में बिताने वाले NRIs को अपनी विदेशी कमाई पर टैक्स चुकाना पड़ता है। इस नियम की वजह से NRIs को डबल टैक्सेशन की चिंता है। इस चिंता के निदान के लिए CBDT टैक्स रेजिडेंसी कानून से छूट पर समीक्षा करेगा।
वित्त मंत्रालय में संयुक्त सचिव (टैक्स पॉलिसी और लेजिस्लेशन) कमलेश वार्ष्णेय ने पीएचडीसीसीआई के एक कार्यक्रम में गुरुवार को रेजिडेंसी पर सर्कुलर के बारे में बोलते हुए कहा कि हम पहले ही पूर्व वित्त वर्ष (2019-20) के लिए एक सर्कुलर जारी कर चुके हैं और चालू वित्त वर्ष के लिए जल्द ही एक नया सर्कुलर जारी किया जाएगा।
सभी को यह उम्मीद थी कि सरकार 1 फरवरी को पेश किए गए बजट में एनआरआई और विदेशी नागरिकों के रेजिडेंसी स्टेट्स पर स्पष्टता देगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। 25 मार्च, 2020 को जब देश में लॉकडाउन की घोषणा की गई तभी वाणिज्यिक अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को भी रद्द कर दिया गया था। बाद में द्विपक्षीय एयर बबल समझौते के तहत सीमित तरीके से कुछ उड़ानों को अनुमति दी गई और अभी भी अंतरराष्ट्रीय सेवा पूरी तरह से चालू नहीं हुई है। इसके परिणामस्वरूप बहुत से एनआरआई और विदेशी नागरिक भारत में लंबे समय से फंसे हुए हैं। इन लोगों को इस बात की चिंता सता रही है कि कराधान उद्देश्य के लिए इनकम टैक्स अधिनियम की धारा 6 के तहत उनके इस लंबे स्टे की गणना हुई तो उन्हें दोहरा कराधान देना होगा।
20 फरवरी को नीति आयोग की अहम बैठक
20 फरवरी को नीति आयोग गवर्निंग काउंसिल कै बैठक हो सकती है जिसमें कोरोना वैक्सीन और बजट के एलानों पर चर्चा होगी। ये बैठक PM मोदी की अगुवाई में होगी। इस बैठक में राज्यों के मुख्यमंत्री भी हिस्सा लेंगे। इसमें आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने की रणनीति बनेगी और मैन्युफैक्चरिंग, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस पर भी चर्चा होगी।
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