नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के नतीजे गुरुवार को आएंगे। नतीजों से पहले ही वित्त मंत्रालय ने नई सरकार के लिए 100 दिन का एजेंडा तैयार किया है। इसके पीछे मकसद अर्थव्यवस्था को रफ्तार देना है। 2018-19 में अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर घटकर 6.6 प्रतिशत पर आ गई है। सूत्रों ने बताया कि 100 दिन का एजेंडा निजी निवेश बढ़ाने, रोजगार सृजन और कृषि क्षेत्र को राहत प्रदान करने पर केंद्रित है।
इसके अलावा एजेंडा में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर संग्रह में सुधार, कर प्रक्रियाओं विशेष रूप से माल एवं सेवा कर (जीएसटी) का सरलीकरण शामिल है। अंतरिम बजट में की गई घोषणा के अनुसार आयकर के संदर्भ कर स्लैब या कर दर में बदलाव पर फैसला संभवत: जुलाई में 2019-20 के अंतिम बजट में किया जाएगा।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने सभी मंत्रालयों और विभागों से नयी सरकार के लिए 100 दिन का एजेंडा तैयार करने को कहा था। नयी सरकार के अगले कुछ दिन में कार्यभार संभालने की संभावना है।
2019-20 के लिए पूर्ण बजट तैयार करने को लेकर बैठकें शुरू
वित्त मंत्रालय ने चालू वित्त वर्ष के पूर्ण बजट तैयार करने को लेकर विभिन्न उद्योग संगठनों के साथ बजट पूर्व परामर्श प्रक्रिया शुरू कर दी है। नई सरकार जुलाई में बजट पेश करेगी। वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने उद्योग संगठन सोसाइटी ऑफ इंडिया ऑटोमोबाइल मैनुफैक्चरर्स (सियाम) के प्रतिनिधियों से बुधवार को मुलाकात की। इसी प्रकार की बैठकें सीआई समेत अन्य उद्योग मंडलों के साथ होगी।
परंपरा के अनुसार सरकार ने लोकसभा चुनावों के कारण एक फरवरी को 2019-20 को अंतरिम बजट पेश किया। नई सरकार के गठन के बाद चालू वित्त वर्ष का अंतिम बजट जुलाई में पेश किए जाने की संभावना है।
बजट बनाने की प्रक्रिया के तहत मंत्रालय पहले ही अन्य मंत्रालयों तथा सरकारी विभागों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर चुका है। सूत्रों के अनुसार सियाम ने सरकार के समक्ष अपनी बातें रखी और वहन क्षेत्र को गति देने के उपायों का सुझाव दिया। वाहन क्षेत्र मांग में नरमी से गुजर रहा है।
उद्योग मंडल आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये राजकोषीय तथा गैर-राजकोषीय उपायों के सुझाव दे सकते हैं। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने फरवरी में 2018-19 में 7 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि दर रहने का अनुमान जताया जबकि पूर्व में इसके 7.2 प्रतिशत रहने की संभावना जताई गई थी।