नई दिल्ली: दो सप्ताह पहले जोर-शोर से शुरू किये गये नये आयकर रिटर्न फाइलिंग पोर्टल में तकनीकी खामियां बनी हुई है। इस बारे में वित्त मंत्रालय के अधिकारियों की पोर्टल तैयार करने वाली सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी इन्फोसिस के साथ मंगलवार को बैठक होगी। कई संबंधित पक्षों ने पोर्टल की तकनीकी खामियों और उन क्षेत्रों के बारे में लिखित जानकारी दी है, जहां सुधार की जरूरत है।
इन्फोसिस ने शनिवार को शेयरधारकों की सालाना बैठक (एजीएम) में कहा था कि वह समस्याओं के समाधान के लिये काम कर रही है और कुछ मामलों में उसे सफलता मिली है। इस बारे में शेयरधारकों के सवालों का जवाब देते हुए सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी ने कहा कि वह आयकर दाखिल करने के पोर्टल में आ रही तकनीकी गड़बड़ी की वजह से होने वाली परेशानी को लेकर काफी चिंतित हैं और वह इस मुद्दे का जल्द से जल्द हल करने का प्रयास कर रही है।
एजीएम में सवालों का जवाब देते हुए कंपनी के मुख्य परिचालन अधिकारी प्रवीण राव ने कहा, ‘‘इन्फोसिस नए आयकर ई-फाइलिंग पोर्टल की तकनीकी खामियों को लेकर चिंता को हल करने के लिए काम कर रही है। पिछले सप्ताह कई तकनीकी गड़बड़ियों को दूर किया गया है और इसके परिणामस्वरूप, पोर्टल उपयोग करने वालों की संख्या काफी बढ़ी है।’’
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पोर्टल पर अब तक एक लाख आयकर रिटर्न फाइल किये गये हैं। हालांकि, वित्त मंत्रालय के पिछले सप्ताह संबंधित पक्षों से टिप्पणियां आमंत्रित किये जाने के बाद कइयों ने तकनीकी खामियां बने रहने की शिकायत की है। इसमें पिछला ई-फाइल रिटर्न देखने में समस्या, वेब पेज के लोड होने में लगने वाला लंबा समय आदि शामिल हैं। नया ई-फाइलिंग पोर्टल.डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू.इंकमटैक्स.गॉव़ इन (www.incometax.gov.in) सात जून को शुरू हुआ।
कर विभाग के साथ-साथ सरकार ने कहा कि इसका मकसद अनुपालन को करदाताओं के लिये सुगम बनाना बताया है। हालांकि, पोर्टल पर शुरू से ही तकनीकी खामियां जारी हैं। इसको देखते हुए वित्त मंत्रालय ने 16 जून को नये आयकर ई-फाइलिंग पोर्टल पर तकनीकी खामियों के संदर्भ में संबंधित पक्षों से लिखित में जानकारी मांगी। इस पर वित्त मंत्रालय के अधिकारियों की 22 जून को इन्फोसिस के प्रतिनिधियों के साथ बैठक में चर्चा होगी।
बैठक में चार्टर्ड एकाउंटेंट की शीर्ष संस्था भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान (आईसीएआई) के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। इन्फोसिस को 2019 में अगली पीढ़ी की आयकर फाइलिंग प्रणाली तैयार करने का अनुबंध दिया गया था। इसका मकसद रिटर्न की प्रसंस्करण प्रक्रिया में लगने वाले 63 दिन के समय को कम कर एक दिन करने और ‘रिफंड’ प्रकिया को तेज करना है।