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वित्त मंत्रालय ने 11 राज्यों को 15,721 करोड़ रु का अतिरिक्त कर्ज लेने की मंजूरी दी

इन 11 राज्यों को जून तिमाही के लिये निर्धारित पूंजीगत व्यय लक्ष्य हासिल करने के बाद अतिरिक्त कर्ज की मंजूरी मिली है।

Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: September 14, 2021 15:01 IST
11 राज्यों को 15,721 करोड़...- India TV Paisa
Photo:PTI

11 राज्यों को 15,721 करोड़ रु का अतिरिक्त कर्ज की मंजूरी

नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय ने जून तिमाही के लिए निर्धारित पूंजीगत व्यय लक्ष्य हासिल करने के बाद 11 राज्यों को 15,721 करोड़ रुपये का अतिरिक्त कर्ज लेने की मंजूरी दे दी है। इन राज्यों में आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, हरियाणा, केरल, मध्य प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, नागालैंड, राजस्थान और उत्तराखंड शामिल हैं। मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "11 राज्यों ने 2021-22 की पहली तिमाही में पूंजीगत व्यय के लिए वित्त मंत्रालय द्वारा निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त कर लिया है। प्रोत्साहन के रूप में, इन राज्यों को व्यय विभाग ने 15,721 करोड़ रुपये का अतिरिक्त कर्ज लेने की मंजूरी दी है।"  अतिरिक्त कर्ज के लिये पात्र बनने के लिये राज्यों के लिये जरूरी है कि वे वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही के अंत तक पूरे वित्त वर्ष के निर्धारित लक्ष्य का कम से कम 15 प्रतिशत, दूसरी तिमाही तक 45 प्रतिशत, तीसरी तिमाही तक 70 प्रतिशत और 31 मार्च 2022 तक 100 प्रतिशत हासिल कर लें।

राज्यों को उनके सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के 0.25 प्रतिशत के बराबर खुले बाजार से अतिरिक्त कर्ज लेने की मंजूरी मिली है। इस प्रकार उपलब्ध कराए गए अतिरिक्त वित्तीय संसाधन राज्यों को अपने पूंजीगत व्यय को और आगे बढ़ाने में मदद करेंगे। मंत्रालय ने कहा कि पूंजीगत व्यय का उच्च गुणक प्रभाव होता है, यह अर्थव्यवस्था की भविष्य की उत्पादक क्षमता को बढ़ाता है, और इसके परिणामस्वरूप आर्थिक वृद्धि की दर बढ़ती है। राज्यों के पूंजीगत व्यय की अगली समीक्षा, व्यय विभाग दिसंबर, 2021 में करेगा। इस दौर में राज्यों द्वारा 30 सितंबर, 2021 तक अर्जित पूंजीगत व्यय का मूल्यांकन किया जायेगा। तीसरी समीक्षा मार्च 2022 में की जायेगी। इसके लिये वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तीन तिमाहियों के दौरान राज्यों द्वारा किये किये पूंजीगत व्यय को आधार बनाया जायेगा। जीएसडीपी के 0.50 प्रतिशत की उधारी की अधिकतम सीमा से जुड़े पूंजीगत व्यय की अनुमति केवल उन्हीं राज्यों को मिलेगी, जिन्होंने 30 सितंबर, 2021 तक कम से कम 45 प्रतिशत का लक्ष्य या 31 दिसंबर, 2021 तक 70 प्रतिशत का लक्ष्य प्राप्त कर लिया हो।

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