नई दिल्ली। देश को अगले पांच साल में 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए वित्त मंत्रालय ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को उनकी शाखा स्तर से लेकर हर स्तर के अधिकारियों से सुझाव आमंत्रित करने को कहा है। एक महीने तक चलने वाले इस लंबे अभियान से मिलने वाले सुझावों को बैंकिंग क्षेत्र की आगे की प्रगति की रुपरेखा तैयार करने के लिए इस्तेमाल में लाया जाएगा।
मंत्रालय की ओर से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों को भेजे गए पत्र में शाखा स्तर से लेकर राज्य स्तर एवं राष्ट्रीय स्तर तक के अधिकारियों को इस प्रक्रिया में शामिल करने को कहा गया है। पत्र में कहा गया है कि इस विचार-विमर्श प्रक्रिया का लक्ष्य बैंकिंग क्षेत्र को राष्ट्रीय हितों के अनुसार रखने, बेहतर सुझाव प्राप्त करने और स्थानीय स्तर के बैंकरों में समावेश की भावना को मजबूत करना है।
इस अभियान का लक्ष्य ना सिर्फ प्रदर्शन की समीक्षा करना है बल्कि क्षेत्र विशेष के मुद्दों एवं उनकी वृद्धि की संभावनाओं के साथ तालमेल विकसित करना भी है। इसका लक्ष्य अगले पांच साल में भारत की वृद्धि की कहानी में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को सक्रिय साझीदार के तौर पर शामिल करने का भी है। देश ने 2024-25 तक पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य रखा है।