नई दिल्ली। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आयकर विभाग को ऑपरेशन क्लीन मनी के तहत उन लोगों को नोटिस देने का काम दो माह में पूरा करने को कहा है, जिन्होंने नोटबंदी के बाद बड़ी राशि अपने बैंक खातों में जमा कराई थी। अधिकारियों के अनुसार सीबीडीटी उन मामलों में पूरी प्रक्रिया में तेजी चाहता है जिन्होंने आठ नवंबर 2016 को नोटबंदी के बाद काला धन छिपाने की कोशिश की।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बोर्ड ने नए वित्त वर्ष की पहली तिमाही के लिए केंद्रीय कार्य योजना (सीएपी) जारी की है। इसमें कर विभाग के सभी कार्यालयों से 31 मई तक प्रक्रिया पूरी करने को कहा गया है। आयकर विभाग वैसे जमाकर्ताओं के खिलाफ पूर्ण रूप से कार्रवाई शुरू करने से पहले नोटिस जारी कर रहा है।
सीबीडीटी ने सीएपी का उल्लेख करते हुए कहा है कि वैसे मामलों में पूरी प्रक्रिया 31 मई तक पूरी हो जानी चाहिए, जहां नोटिस 31 मार्च तक जारी किए गए हैं। विभाग ने नोटबंदी के बाद कालाधन पर अंकुश लगाने के लिए ऑपरेशन क्लीन मनी शुरू किया था।
सीबीडीटी ने अपने आदेश में कहा कि उच्च मूल्य के लेन-देन के आंकड़े का सत्यापन तथा बिना पैन का उल्लेख किए संदिग्ध लेन-देन के सत्यापन का काम 30 जून तक पूरा किया जाए। सीएपी कर विभाग के लिए एक दिशानिर्देश होता है। इसके आधार पर संबंधित वित्त वर्ष में कार्यों की प्राथमिकता तय की जाती है।
आधिकारिक आंकड़े के अनुसार कर अधिकारियों ने 23.22 लाख बैंक खातों में 3.68 लाख करोड़ रुपए के 17.73 लाख लेन-देन को संदिग्ध मामले के रूप में चिन्हित किया है। आयकर विभाग ने नौ नवंबर 2016 तथा मार्च 2017 के बीच 900 तलाशी लीं। इसमें 900 करोड़ रुपए मूल्य की संपत्ति जब्त की। इसमें 636 करोड़ रुपए नकद थे।