नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय जल्द ही सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में कैपिटल इनफ्यूजन के पहले चरण को अपनी मंजूरी देगा। सूत्रों ने बताया कि कैपिटल इनफ्यूजन के प्रस्ताव को जल्द ही वित्त मंत्री अरुण जेटली से मंजूरी मिल जाने की उम्मीद है। सूत्र ने बताया कि पहली किश्त 20,000 करोड़ रुपए की हो सकती है।
चौथी तिमाही के वित्तीय परिणामों के बाद, प्रत्येक बैंक ने ताजा फंड इनफ्यूजन के लिए विस्तृत आवेदन एनपीए और ग्रोथ प्रोजेक्शन के साथ जमा कराए थे। सूत्रों ने बताया कि सुझावों के आधार पर वित्तीय सेवा विभाग ने फंड इनफ्यूजन की पहली किस्त को अंतिम रूप दे दिया है। सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में चालू वित्त में कैपिटल इनफ्यूजन के लिए 25,000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। हालांकि, जेटली ने यह आश्वासन दिया है कि जरूरत पड़ने पर सरकारी बैंकों को और धन उपलब्ध कराया जाएगा।
पिछले साल, सरकार ने सरकारी बैंकों में चार साल के दौरान 70,000 करोड़ रुपए की पूंजी डालने के लिए इंद्रधनुष योजना की घोषणा की थी, जबकि बैंकों को वैश्विक जोखिम नियम बेसल-3 नियमों को पूरा करने के लिए बाजार से 1.1 लाख करोड़ रुपए की पूंजी स्वयं जुटानी है। इस योजना के मुताबिक सरकारी बैंकों को चालू वित्त वर्ष में 25,000 करोड़ रुपए की पूंजी उपलब्ध कराई जाएगी। 10 हजार करोड़ रुपए की राशि वित्त वर्ष 2017-18 और 2018-19 में दी जाएगी। इसके बाद वित्त वर्ष 2019-20 में 21 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को और 25,000 करोड़ रुपए की राशि दी जाएगी। इस फंड इनफ्यूजन में एसबीआई को सबसे ज्यादा 5,393 करोड़ रुपए की राशि मिलेगी। इसके बाद बैंक ऑफ इंडिया को 2,455 करोड़ रुपए मिलेंगे। इसके अलावा सरकार आईडीबीआई बैंक को 2,229 करोड़, इंडियन ओवरसीज बैंक में 2,009 करोड़ रुपए और पंजाब नेशनल बैंक को 1,732 करोड़ रुपए देगी।