नई दिल्ली। नकदी-संकट का सामना कर रहे वित्त मंत्रालय ने सभी मंत्रालयों और विभागों को वित्त वर्ष 2020-21 में कोई भी नई योजना शुरू करने से रोक दिया है। वित्त मंत्रालय ने एक आदेश जारी कर नई योजनाओं के ख़र्च पर एक साल के लिए रोक लगा दी है। केवल प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना और आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत होने वाले ख़र्च को ही मंजूरी दी जाएगी। बजट में घोषित नई योजनाएं भी चालू वित्त वर्ष के दौरान शुरू नहीं की जाएंगी।
वित्त मंत्रालय ने यह निर्णय कोविड-19 महामारी संबंधित खर्चों को पूरा करने के मद्देनजर लिया है। क्योंकि कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन से सरकार के राजस्व में कमी आई है और आर्थिक मंदी की वजह से सरकार का खर्च भी बढ़ा है।
वित्त मंत्रालय के एक्सपेंडिचर डिपार्टमेंट के नवीनतम निर्देश के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष के लिए जिन योजनाओं के लिए पहले ही आवंटन हो चुका है उन पर भी अब अगले 9 महीने यानी 31, मार्च 2021 तक रोक लगा दी गई है।
विभाग के निर्देश में कहा गया है कि सार्वजनिक वित्तीय संसाधनों की अप्रत्याशित मांग बढ़ने से उपलब्ध कोष का उपयोग आकस्मिक और बदलती प्राथमिकताओं के लिए विवेकपूर्ण ढंग से किया जाना चाहिए। 4 जून को जारी अपने आदेश में एक्सपेंडिचर विभाग ने कहा है कि कोविड-19 महामारी के दौरान सार्वजनिक वित्तीय संसाधनों की मांग में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है, जिसके मद्देनजर उपलब्ध धनराशि का उपयोग आकस्मिक और बदलती प्राथमिकताओं पर विवेकपूर्ण ढंग से किया जाना चाहिए।
आदेश में कहा गया है कि मंत्रालयों/विभागों को अब नए प्रस्तावों के लिए वित्त मंत्रालय के एक्सपेंडिचर विभाग से सैद्धांतिक मंजूरी लेनी होगी। सरकार ने यह फैसला ऐसे समय में लिया है जब उसका राजस्व संग्रह सर्वकालिक निम्न स्तर पर आ गया है। सीजीए द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल, 2020 में सरकार की कुल प्राप्तियां 27,548 करोड़ रुपए रहीं, जो बजट अनुमान का केवल 1.2 प्रतिशत है। वहीं इसके विपरीत सरकार का कुल खर्च 3.07 लाख करोड़ रुपए रहा है जो बजट अनुमान का 10 प्रतिशत है।
यह दूसरी बार है जब सरकार ने कोरोना संकट के दौरान अपने खर्च में कटौती की है। इससे पहले सरकार ने 8 अप्रैल को खर्चों पर पाबंदी लगाने की घोषणा की थी। सरकार ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सभी मंत्रालयों और विभागों के खर्च में 15-20 प्रतिशत की कटौती की थी। इसके साथ ही सरकार ने अपने कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के महंगाई भत्ते पर भी रोक लगा दी है।