हैदराबाद। वित्त मंत्रालय ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) द्वारा उसके सदस्यों को सेवा देने वाले वर्कर्स बैंक के गठन का प्रस्ताव खारिज कर दिया है। यह जानकारी श्रम मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी।
इससे पहले 3.7 करोड़ अंशधारकों वाले ईपीएफओ ने वित्त मंत्रालय को प्रस्ताव भेजकर अपने सदस्यों को बैंक सुविधा देने के लिए एक बैंक गठन की अनुमति मांगी थी। अधिकारी ने बताया कि ईपीएफओ एक बैंक गठित करना चाहता है और इस बाबत 19 दिसंबर, 2014 को उसके केंद्रीय न्यासी बोर्ड की बैठक में विचार किया गया था। यह बोर्ड ईपीएफओ का निर्णय लेने वाला शीर्ष निकाय है।
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एक अधिकारी ने बताया, बैंक के प्रस्ताव को वित्त मंत्रालय ने खारिज कर दिया है। उनका विचार है कि हमें ऐसे किसी बैंक को चलाने की जरूरत नहीं है। अभी मंत्रालय में इस पर कुछ आंतरिक चर्चाएं चल रही हैं। हम उन जवाबों को तैयार करने का प्रयास कर रहे हैं, जो वित्त मंत्रालय को संतुष्ट कर सकें। अधिकारी ने बताया कि इस बैंक का लक्ष्य अपने सदस्यों को सेवा देना भर है ना कि बड़ा लाभ कमाना।
ग्रामीण बैंक कर्मी 27 जुलाई से तीन दिन की हड़ताल पर
यूनाइटेड फोरम ऑफ आरआरबी यूनियंस के आह्वान पर देशभर में करीब 56 ग्रामीण बैंकों के एक लाख अधिकारी और कर्मचारी अपनी मांगों के समर्थन में 27 जुलाई से तीन दिन की हड़ताल पर जाएंगे। यूनाइटेड फोरम के प्रवक्ता शिव करन द्विवेदी ने कहा, हम ग्रामीण बैंकों में निजी पूंजी लाने तथा भुगतान बैंकों को लाइसेंस देने की नीति को रद्द करने की मांग कर रहे है।
इस हड़ताल से 21 हजार शाखाओं का कामकाज प्रभावित होगा। फोरम पिछले दो साल से अपनी 11 सूत्रीय मांगों को लेकर संघर्ष कर रहा है। फोरम की मांग है कि सरकार उच्चतम न्यायालय में दायर मुकदमा वापस लेकर बैंकिंग उद्योग में समान पेंशन देने का आदेश जारी करे।