नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय ने iPhone निर्माता Apple द्वारा भारत में मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करने के लिए मांगी गई टैक्स प्रोत्साहन मांग को खारिज कर दिया है। मंत्रालय ने कहा है कि इस पर निर्णय जीएसटी परिषद द्वारा लिया जाएगा।
अमेरिका की इस कंपनी ने संकेत दिया है कि वह इस साल से भारत में अपना उत्पादन शुरू कर सकती है। इलेक्ट्रॉनिक्स एंड आईटी राज्य मंत्री पीपी चौधरी ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि एप्पल ने स्मार्टफोन की मैन्यूफैक्चरिंग और रिपेयर यूनिट, कंपोनेंट्स और कैपिटल इक्विपमेंट पर 15 साल के लिए शुल्क छूट के रूप में रियायत दिए जाने की मांग की थी।
उन्होंने बताया कि इन मांगों पर राजस्व विभाग ने विचार किया और इन्हें अस्वीकार कर दिया। विभाग ने कहा कि इन रियायतों को स्वीकार नहीं किया जा सकता क्योंकि देश में जल्द ही नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था लागू होने जा रही है। सभी आयात पर आईजीएसटी (एकीकृत जीएसटी) लागू होगा और सीजीएसटी/एसजीएसटी/आईजीएसटी से किसी भी प्रकार की छूट केवल जीएसटी परिषद की सिफारिश के आधार पर ही दी जा सकती है।
उन्होंने कहा कि एक्साइज ड्यूटी से लेकर काउंटरवेलिंग ड्यूटी तक सभी मौजूदा छूटों की समीक्षा जीएसटी परिषद द्वारा की जाएगी। भारत में 1 जुलाई से जीएसटी लागू होने जा रहा है, जिसमें सभी अप्रत्यक्ष कर समाहित हो जाएंगे। चौधरी ने कहा कि मोबाइल फोन के रिपेयर के लिए आयात किए जाने वाले पार्ट्स पर बेसिक कस्टम ड्यूटी (बीसीडी), काउंटरवेलिंग ड्यूटी (सीवीडी)
और स्पेशल एडिशनल ड्यूटी (एसएडी) से किसी भी प्रकार की छूट नहीं है। मोबाइल फोन कंपोनेंट्स और सब पार्ट्स के निर्माण पर शून्य बीसीडी, सीवीडी और एसएडी उपलब्ध कराई जा रही है। हालांकि, बजट 2017-18 में मोबाइल फोन के निर्माण में उपयोग होने वाले लोकप्रिय प्रिंटेड सर्किट बोर्ड पर रियायती 2 प्रतिशत एसएडी लगाया गया है।